वाशिंगटन। चीन के राष्ट्रपति हू जिंताओ ने अमरीका को साफ तौर पर चेता दिया है कि वह तिब्बत से अपने को दूर रखें, अन्यथा दोनों देशों के रिश्ते खटाई में प़ड जाएंगे।गौरतलब है कि इससे एक दिन पहले ही अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने चीन को सलाह दी था कि वह तिब्बत में मानव अधिकारों का सम्मान करे और दलाई लामा के प्रतिनिधियों से बात करे।
चार दिन की अमरीका यात्रा पर आए जिंताओ ने गुरूवार को अमरीका-चीन व्यापार परिषद की बैठक में कहा कि तिब्बत और ताइवान चीन की 1.3 अरब आबादी की भावनाओं से जु़डे हैं। दोनों देश एक दूसरे के मुद्दों का सम्मान करके ही आगे बढ़ सकते हैं। यदि ऎसा नहीं हुआ, तो संबंध खराब ही नहीं, बल्कि तनावपूर्ण हो जाएंगे। इससे पूर्व बुधवार को जिंताओ के साथ बातचीत में ओबामा ने तिब्बत और मानवाधिकार का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था।
उधर, ओबामा-जिंताओ वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में भारत और पाकिस्तान का कोई जिक्र नहीं किया गया। बयान में चीन की दक्षिण एशिया में भूमिका को लेकर भी उल्लेख नहीं किया गया। इससे पहले नवंबर 2000 में दोनों देशों की ओर से जारी संयुक्त बयान में इसका हवाला दिया गया था।
चीन ने चेताया, दूर रहे तिब्बत से
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