प्रभात खबर, 7 जुलाई, 2013
धर्म गुरु का 78 वां जन्मदिवस मना
मुजफ्फरपुर : तिब्बत की वर्तमान स्थिति और भारत की भूमिका विषय पर भारत तिब्बत मैत्री संघ की ओर से एसकेजे लॉ कॉलेज में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यहां धर्म गुरु दलाई लामा के 78 वां जन्म दिवस भी मनाया गया.
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता टीएनबी कॉलेज भागलपुर के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. सीपीएन सिन्हा ने कहा कि चीन आजाद हुआ. इसी के साथ तिब्बत की आजादी समाप्त होने लगी है. स्वतंत्र भारत की विदेश नीति शांति और सह अस्तित्व की रही है. लेकिन, भारतीय विदेश नीति तिब्बत की रक्षा नहीं कर पायी. चीन के प्रति हमारी विदेश नीति सहिष्णुता की थी, परंतु चीन ने हमें हमेशा से ही धोखा दिया है. सरदार पटेल, राज गोपालाचारी व अंबेडकर इस बात को समझते थे.
लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक चीनी आक्रामकता का जवाब नहीं दे पाना देश के लिए खतरा है. भारत को तिब्बत व चीन संबंधी विदेश नीति में संशोधन करने की जरूरत है. तभी कुछ सफलता मिल सकती है. इससे पूर्व डॉ हरेंद्र कुमार ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दया, करुणा, सत्य व शांति के प्रतीक दलाई लामा के शतायु होने की कामना की.
विषय प्रवेश डॉ अरुण कुमार सिंह ने कराया. तिब्बत को चीन के कब्जे से मुक्त कराने के लिए सरकार से मांग की. अतिथियों का स्वागत भाषण कामता प्रताप व संचालन संगठन के सचिव अरविंद वरुण ने किया. धन्यवाद ज्ञापन प्रभात कुमार ने किया.
इस मौके पर बीआरए बिहार विवि के स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान विभाग के रोहिताश्ब दूबे, डॉ विजय सुमन, डॉ ब्रजेश कुमार शर्मा, शिक्षक मधु मंगल ठाकुर, डॉ रंजना भादुड़ी, महेंद्र मधुप, सोनू कुमार, राम सकल सिंह, वैद्यनाथ शर्मा, डॉ राजेश प्रियदर्शी, राघवेंद्र सिंह, महेंद्र मिश्र, राम अनुप चौधरी, रितु कुमारी, मिथिलेश मिश्र दर्द, विष्णुदेव प्रसाद सिंह, रघुवंश ठाकुर, राजवर्धन, डॉ देवचंद्र ने अपने विचार रखे.
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