(चार अन्य लोग जेल में हैं और उन्हें अपने परिवार से मिलने की अनुमति नहीं है)
rfa.org / सांग्याल कुंचोक
२१सितंबर, २०२२
निर्वासन में रह रहे दो तिब्बती सूत्रों ने आरएफए को बताया कि तिब्बत में चीनी अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से धूप जलाने और प्रार्थना करने के आरोप में कथित तौर पर पांच तिब्बतियों को गिरफ्तार कर उन्हें प्रताड़ित किया है औरउनमें से एक को मार दिया है।
चीन के उत्तर-पश्चिमी सिचुआन प्रांत में सेर्टर काउंटी (चीनी: सेडा) में पांच तिब्बतियों ने २४ अगस्त को निर्वासित तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के लंबे जीवन के लिए धूप जलाई और प्रार्थना की थी। इनकी पहचान चुगधर, घेलो, छेदो, भामो और कोरी के रूप में की गई।
पुलिस ने कुछ ही समय बाद उन सबको गिरफ्तार कर लिया।हालांकि सूत्रों ने कहा कि धार्मिक गतिविधियों से किसी कानून का उल्लंघन नहीं हुआ था। आरएफएको भी इसमें किसी तरह के आरोप नहीं दिखे हैं।
निर्वासन में रह रहे एक तिब्बतीने सुरक्षा कारणों से नाम न छापने का अनुरोध करते हुए आरएफए की तिब्बती सेवा को बताया, ‘गिरफ्तार किए गए तिब्बतियों को उनके क्षेत्र के स्थानीय तिब्बतियों द्वारा धार्मिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए नियुक्त किया गया था।‘
लेकिन सरता और गोलोग क्षेत्रों में धार्मिक गतिविधियों पर चीनी अधिकारियों के बढ़ते दबदबे के तहत चीनी सरकार द्वारातिब्बतियों को अपने घर के सामने प्रार्थना झंडे भी फहराने की अनुमति नहीं है। सूत्र ने कहा कि वे तिब्बतियों को संग-सोल (एक अगरबत्ती जलाने की रस्म) करने से भी मना करते हैं। उनका कहना है कि यह पर्यावरण के लिए हानिकारक है।‘
निर्वासन में रहने वाले एक अन्य तिब्बती ने सुरक्षा कारणों से नाम उजागर न करने का अनुरोधकरते हुए आरएफए को बताया कि,‘चुगधर की मृत्यु कर्ज़े (गांज़ी) तिब्बती स्वायत्त प्रिफेक्चर की एक जेल में हुई, जबकि अन्य चार हिरासत में हैं।
दूसरे सूत्र ने कहा,‘चुगधर ५२साल के थे और उनके परिवार में उनके माता-पिता हैं। चीनी पुलिस इस बात से इनकार करती रही कि उन्होंने उसे मौत के घाट उतारा।‘
दूसरे सूत्र ने कहा,‘पुलिस ने उनके परिवार को कहा कि अगर वे चुगधर का शव अपने साथ ले जाते हैं तो उन्हें १,००,००० युआन (१४,००० अमेरिकी डॉलर से अधिक) की अंतरिम सहायता दी जाएगी और परिवार के प्रत्येक सदस्य को १०,००० अतिरिक्त वार्षिक मदद दी जाएगी। लेकिन यह शव उठवाने की चीनी पुलिस की बस एक चाल थी, क्योंकि उनके परिवार को कभी भी वह पैसा नहीं मिला, जिसका उनसे वादा किया गया था।‘
पहले सूत्र ने कहा कि चुगधर की मौत का आधिकारिक कारण संदिग्ध है।
पहले सूत्र ने कहा,‘चुगधर एक स्वस्थ व्यक्ति थे, लेकिन उन्हें जेल में तब तक बेरहमी से प्रताड़ित किया गया जब तक कि उनकी मृत्यु नहीं हो गई। उनके परिवार को चीनी अधिकारियों ने २६ अगस्त को तलब कियाऔर सूचित किया कि उनकी मृत्यु अचानक हो गई। उन्होंने परिवार को जेल से उसका शव लेने के लिए कहा।‘
पहले सूत्र ने कहा, ‘जब चुगधर के पिता और परिवार के अन्य सदस्य उसका शव लेने गएतो चीनी पुलिस ने उन्हें एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया, जिसमें कहा गया था कि चीनी पुलिस का उसकी मौत से कोई लेना-देना नहीं है।‘
पहले सूत्र के अनुसार, अन्य चार तिब्बतियों को पहले एक सप्ताह के लिए सेर्टर काउंटी की एक जेल में हिरासत में रखा गया और फिर ३१अगस्त को कार्दज़े की एक जेल में स्थानांतरित कर दिया गया।
पहले सूत्र ने कहा,‘उन पर अभी भी मुकदमा चल रहा है लेकिन उनके परिवारों को डर है कि उन्हें जल्द ही दोषी ठहराया जाएगा। उनके परिवार के सदस्यों को भी उनसे मिलने की बिल्कुल भी अनुमति नहीं है। ये तिब्बती निर्दोष हैं क्योंकि वे केवल धार्मिक गतिविधियाँ कर रहे थे।‘
चीनी अधिकारियों ने तिब्बत और पश्चिमी चीन के तिब्बती आबादी वाले क्षेत्रों पर अपनी कड़ी पकड़ बना रखी है। वहां परतिब्बतियों की राजनीतिक गतिविधियों और सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान की शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति को प्रतिबंधित किया गया है और तिब्बतियों को अनायास ही कारावास की मनमानी सजा दी जाती है,यातनाएं दी जाती हैं और उनकी न्यायेतर हत्या तक कर दी जाती है।‘