निर्वासन में रह रहे एक तिब्बती का कहना है कि तिब्बती संस्कृति के खिलाफ चीन के अभियान से कर्मा समदुप क्षुब्ध हो गया था।
Rfa.org / सांग्याल कुंचोकी
तिब्बत में चीनी अधिकारियों ने १९५९से निर्वासन में रह रहे तिब्बत के सर्वोच्च बौद्ध आध्यात्मिक धर्मगुरु दलाई लामा की तस्वीर रखने के आरोप में एक तिब्बती को हिरासत में लिया है। आरएफए ने इस खबर का संज्ञान लिया है।
निर्वासन में रहने वाले एक तिब्बती ने खुलकर बोलने के लिए नाम न छापने की शर्त पर आरएफए की तिब्बती सेवा को बताया कि नागचू काउंटी (चीनी:नागकू) के सर्नेई बस्ती के कर्मा समदुप को जब अधिकारियों ने १२ अगस्त को गिरफ्तार किया, उस समय उनके पास गर्दन के चारों ओर और उनकी कार में लटकी हुई १४वें दलाई लामा की तस्वीर थी।
सूत्र ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी चीनी सरकार के स्ट्राइक हार्ड (कठोर हमले) अभियान का हिस्सा है जिसके तहत वे तिब्बतियों पर नकेल कस रहे हैं। अभी तक हमारे पास समदुप के ठिकाने के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।
हाल ही में ल्हासा में लगाए गए कड़े प्रतिबंधों के बीच उसे गिरफ्तार किया गया था। तब चीनी सरकार ने उन्हें दलाई लामा की तस्वीर रखने के ‘अलगाववादी कृत्य’ के लिए गिरफ्तार किया था।‘
कर्म समदुप को कहां रखा गया है, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है।
‘द स्ट्राइक हार्ड कैंपेन’ तिब्बत के चीन से अलग होने के पैरोकारों को निशाना बनाने के लिए चीनी सरकार का एक अभियान है। न्यूयॉर्क स्थित ह्यूमन राइट्स वॉच के अनुसार, अभियान १९९६ में शुरू हुआ था और इसके परिणामस्वरूप अहिंसक राजनीतिक और धार्मिक गतिविधियों में भाग लेने वालों को गायब कर दिया गया, यातनाएं दी गईं और लंबी जेल की सजाएं सुनाई जाती हैं।
आरएफए ने जनवरी में रिपोर्ट दी कि चीनी अधिकारियों ने आदेश दिया कि सार्वजनिक क्षेत्र में काम की तलाश कर रहे तिब्बतियों को दलाई लामा से सभी संबंधों को त्याग देने की शर्त पर ही रोजगार दिया जाना चाहिए।
एक अन्य युवा तिब्बती यूडॉन को ११जुलाई को दलाई लामा की तस्वीर रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। ०६जुलाई को दलाई लामा के ८७वें जन्मदिन के मौके पर प्रशासन हाई अलर्ट पर था।