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हालिया रिपोर्टों में सामने आया है कि चीनी अधिकारी अभी भी रिनचेन त्सुल्ट्रिम को उनके परिवार के लोगों से मिलने की अनुमति नहीं दे रहे हैं।अधिकारी उन्हें ‘देशभक्ति शिक्षा’ की कक्षाओं में बैठने के लिए मजबूर कर रहे हैं और उनसे ‘कठोर श्रम’ करवा रहे हैं।
नांगशिंग मठ के भिक्षु रिनचेन त्सुल्ट्रिम को शुरू में २७ जुलाई २०१९ को न्गाबा पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो के चीनी अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने के संदेह में गिरफ्तार किया था। उन्हें एक गुप्त मुकदमे में सजा दिए जाने की सूचना मिली थी। इसमें उन्हें तनहाई कैद में दो साल रखने के बादमार्च २०२१ में साढ़े चार साल कैद की सजा सुनाई गई।
तिब्बत टाइम्स के अनुसार, रिनचेन त्सुल्ट्रिम अधिकारियों की अनुमति लेकर अपने परिवार से महीने में दस मिनट फोन पर बात कर सकते हैं। हालांकि, चीनी अधिकारियों ने नगाबा (चीनी: अबा) में अचानक गिरफ्तार करने के बाद से रिनचेन को उनके परिवार के साथ आमने-सामने बैठकर बात करने की अनुमति देने से लगातार इनकार करतेआ रहे हैं।
रिपोर्ट में एक रिहा हो चुके एक पूर्व कैदी का हवाला देते हुए कहा गया है, ‘रिनचेन अपने माता-पिता की तस्वीर लेना चाहते हैं, लेकिन अधिकारियों द्वारा जब्त किए जाने के डर से कुछ भी भेजने से मना करते हैं।‘ रिनचेन को फिलहाल चेंगदू शहर के पास मियांयांग जेल में रखा गया है।
इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि रिनचेन को जेल में जबरन ‘राजनीतिक शिक्षा’ की कक्षाओं में भेजा जा रहा है और उनसे कड़ी मेहनत करवाई जा रही है। वर्तमान में उन्हें इन गतिविधियों में कितनी बार और किस हद तक लगाया जाता है, इसके बारे में कोई विवरण उपलब्ध नहीं है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उनकी वर्तमान कुशल-क्षेम के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि न्गाबा के कीर्ति मठ के एक भिक्षु और गोलोग के एक व्यापारी सहित दो तिब्बतियों को इस साल मार्च में मियांयांग जेल से रिहा किया गया था। उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उनके बारे में और जानकारी छिपाई गई।
पूर्वी तिब्बत में सिचुआन प्रांत की राजधानी चेंगदू के पास स्थितमियांयांग जेल में असहमतिपूर्णविचारोंऔर मतभेद रखने वाले कई तिब्बतियों को कैद में रखा गया है। जनवरी २०१९में मियांयांग जेल से सजा पूरी होने से पहले रिहा कर दिए गए एक तिब्बती भिक्षु और पूर्व राजनीतिक कैदीचोएक्यी की मई २०२०में मृत्यु हो गई।इस तरह से जेल में यातना और दुर्व्यवहार के कारण हिरासत में हुई उनकी मौत की जिम्मेदारी से चीनी सरकार पाक-साफ बच निकली।