११ अगस्त २०२१
ताइपे। ताइवान स्थित तिब्बत कार्यालय के प्रतिनिधि बावा केल्सांग ग्यालत्सेन ने मंगलवार, १० अगस्त को ताइवान के पूर्व राष्ट्रपति चेन शुई बियान से उनके आवास पर मुलाकात की। प्रतिनिधि केल्सांग ग्यालत्सेन के साथ ओओटी की सचिव सोनम दोरजी और गंगजोंग प्रिंटिंग प्रेस के निदेशक भी थे।
प्रतिनिधि द्वारा पूर्व राष्ट्रपति को औपचारिक तौर पर तिब्बती सफेद दुपट्टा भेंट किया गया। इस अवसर पर सचिव सोनम दोरजी ने यात्रा के पीछे के कारणों को समझाया। ओओटी के प्रतिनिधि अब तक लगातार पूर्व राष्ट्रपति से मिलते रहे हैं। हालांकि, कोविड- १९ महामारी के कारण प्रतिनिधि केल्सांग ग्यालत्सेन पूर्व राष्ट्रपति से मिलने नहीं जा सके थे। अब स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है, इसलिए वह अब बधाई देने आए हैं।
पूर्व राष्ट्रपति चेन शुई बियान ने परम पावन दलाई लामा के स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ की और परम पावन दलाई लामा के ताइवान यात्रा को लेकर अपनी उत्कट अभिलाषा प्रकट की। उन्होंने कहा कि परम पावन विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक व्यक्ति हैं और ताइवान में उनके बहुत सारे अनुयायी हैं। उन्होंने यह भी समझाया कि जब वह ताइवान के राष्ट्रपति थे, तो उन्होंने आधिकारिक तौर पर केंद्रीय तिब्बती प्रशासन को एक सरकार के रूप में मान्यता दी और उसके पहचान प्रमाण पत्र (आईसी) को मान्य किया। इस परंपरा ने ताइवानी सरकारों द्वारा इस पहचान पत्र के आधार पर तिब्बतियों को लगातार आधिकारिक वीजा देने के मामले में मिसाल कायम की।
प्रतिनिधि केल्सांग ग्यालत्सेन ने पूर्व राष्ट्रपति को परम पावन दलाई लामा के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी और उन्हें तिब्बत पर अमेरिकी सरकार द्वारा पारित तिब्बत नीति और समर्थन अधिनियम (टीपीएसए) से अवगत कराया। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति को हाल के सिक्योंग चुनाव, केंद्रीय तिब्बती प्रशासन शब्द के महत्व, परम पावन दलाई लामा की चौथी प्रतिबद्धता- ‘प्राचीन भारतीय ज्ञान का पुनरुद्धार’ और ओओटी ताइवान की पहल, विशेष रूप से तिब्बत और तिब्बत से संबंधित विषयों पर गंगजोंग प्रिंटिंग प्रेस से चीनी भाषा में प्रकाशित पुस्तकों से अवगत कराया।
एक घंटे से अधिक समय तक चली इस बैठक में ताइवान के संसद सदस्य कुओ कू-वेन ने भी भाग लिया। सांसद ने तिब्बती आईसी पर वीजा की अवधि में तिब्बती छात्रों के सामने आने वाली कठिनाइयों को हल करने के लिए समर्थन का वादा किया। पूर्व राष्ट्रपति ने सांसद से इस मामले में अपना समर्थन और सहयोग देने का भी आग्रह किया। विचार-विमर्श के बाद प्रतिनिधि केल्सांग ग्यालत्सेन ने पूर्व राष्ट्रपति को गंगजोंग प्रिंटिंग प्रेस द्वारा प्रकाशित कुछ पुस्तकें भेंट कीं।