२४ अक्तूबर, २०२२
ऊटी। ऊटी में नीलगिरी तिब्बती शरणार्थी कल्याण संघ के ५८ परिवारों के सदस्यों ने परम पावन १४वें दलाई लामा को अमेरिकी कांग्रेस द्वारा स्वर्ण पदक से सम्मानित किए जाने की १५वीं वर्षगांठ मनाई। तिब्बती शरणार्थी कल्याण संघ के सदस्यों ने पिछले चार दशकों से अधिक समय से स्थानीय दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण सहित दैनिक जीवन की जरूरतों की छिटपुट चुनौतियों से जूझते रहते हुए भी अपनी अलग पहचान स्थापित की है।
इस पवित्र अवसर में भाग लेने और नीलगिरी तिब्बती शरणार्थी कल्याण संघ के सदस्यों की शिकायतों को सुनने के लिए श्री जे.पी. उर्स और सीआरओ जिग्मे सुल्त्रिम १६ अक्तूबरको बेंगलुरु से मैसूर के रास्ते ऊटी के लिए रवाना हुए। हॉल में सुबह की प्रार्थना और औपचारिक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री तेम्पा धार्गे ने सभा का स्वागत किया और सदस्यों द्वारा सामना की जानेवाली समकालीन समस्याओं के बारे में सभा को जानकारी दी। अपनी संक्षिप्त प्रस्तुति में श्री जे.पी. उर्स ने अपने क्षेत्र में तिब्बतियों के सामने आने वाली किसी भी समस्या के लिए बिना शर्त समर्थन की पेशकश करते हुए इस उत्सव का हिस्सा बनने पर अपनी खुशी का इजहार किया।
इसके बाद, सीजीटीसी- आई के क्षेत्रीय संयोजक श्री जे.पी. उर्स, सीआरओ श्री जिग्मे सुल्त्रिम, एसोसिएशन के सदस्यगण- श्री तेम्पा धार्गे, सुश्री पासंग और जिग्मे को लोकसभा के माननीय सांसद श्री ए. राजा, के साथ शिकायतों को दिखाने के लिए क्षेत्र भ्रमण पर भेजा गया। क्षेत्र भ्रमण के दौरान स्थानीय दुकानदारों द्वारा किए अवैध अतिक्रमण एवं अन्य शिकायतों से अवगत कराया गया। माननीय सांसद ने उनकी शिकायतों को सुनने के बाद मामले का संज्ञान लिया और संबंधित अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
प्रतिनिधिमंडल की टीम ने इसके बाद नीलगिरी के जिला कलेक्टर के कार्यालय का दौरा किया और डीसी की ओएसडी सुश्री उषा से मुलाकात की और उन्हें इस बारे में अवगत कराया। इसके बाद उसी दिन प्रो. वी. एंटो और श्री जे.पी. उर्स के नाम से इस मामले पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई और इन दोनों ने होटल तमिलनाडु, ऊटी में आयोजित मीडिया प्रतिनिधियों को संबोधित किया। प्रेस को संबोधित करते हुए श्री जे.पी. उर्स ने तिब्बती शरणार्थी कल्याण संघ द्वारा सामना की जा रही वर्तमान समस्याओं पर प्रकाश डाला और बताया कि इन दो वर्षों में वे कितने सहनशील बनकर चुप रहे हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि ऊटी के लोगों ने निश्चित रूप से ऊटी में इन तिब्बती शरणार्थियों के अस्तित्व को स्वीकार कर लिया है, जबकि मुट्ठी भर स्थानीय दुकानदार उनके जीवन यापन की जरूरतों को पूरा करने में बाधा डाल रहे हैं, जिसके लिए स्थानीय प्रशासन के हस्तक्षेप और इस संबंध में मीडिया से समर्थन की आवश्यकता है। .
श्री उर्स के साथ सुश्री पासंग ने स्थानीय तमिल भाषा में प्रेस के लोगों के साथ बातचीत की और मुट्ठी भर स्थानीय दुकानदारों द्वारा मौजूदा उपद्रव और बदमाशी को उजागर किया।
श्री जे.पी. उर्स ने ऊटी के लोगों, विशेष रूप से मीडिया के लोगों को धन्यवाद दिया, जो इस प्रेस आमंत्रण के बारे में सूचित किए जाने के अल्प सूचना के बावजूद बड़ी संख्या में आए। इस प्रेस कांफ्रेंस के बाद श्री उर्स और सीआरओ ऊटी से मैसूर के लिए रवाना हो गए। मैसूर में १८ अक्तूबर २०२२को डीसी मैसूर के साथ बैठक का समय तय किया गया है।