उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में चल रही ‘तिब्बत जागरुकता कार्यक्रम’ पहल के तहत कार्यक्रम का दूसरा दिन फाजिलनगर में पावानगर महावीर इंटर कॉलेज केसभागार में १७ अक्टूबर, २०२३ को आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम भारत-तिब्बत समन्वय कार्यालय (आईटीसीओ) और भारत-तिब्बत संवाद मंच (बीटीएसएम) के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास था।
मुख्य अतिथि कॉलेज प्राचार्य डॉ. अक्षयबर पांडे, कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज-इंडिया (सीजीटीसी-आई) के राष्ट्रीय सह-संयोजक श्री सुरेंद्र कुमार जी, नामग्याल तिब्बती मठ कुशीनगर के प्रभारी भिक्षु तेनक्योंग, बीटीएसएम से डॉ़ शुभ लाभ जी, संकाय सदस्य, छात्र, आईटीसीओ समन्वयक थुप्टेन रिनज़िन, आईटीसीओ उप समन्वयक तेनज़िन जॉर्डन और विभिन्न स्थानीय हस्तियां इस कार्यक्रम में उपस्थित थीं। श्री सुरेंद्र कुमार जी ने प्राचीन भारत-तिब्बत संबंधों, तिब्बत पर चीन के अवैध कब्जे और भारत की सीमा सुरक्षा पर इसके प्रभाव पर चर्चा की। उन्होंने तिब्बत के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंध और तिब्बती मुक्ति साधना को समर्थन देने की आवश्यकता पर बल दिया।
थुप्टेन रिनज़िन ने तिब्बत जागरुकता कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में बताया, जिसका उद्देश्य युवा भारतीयों को भारत और तिब्बत के बीच ऐतिहासिक संबंधों, तिब्बत की वर्तमान स्थिति और तिब्बती स्वतंत्रता के समर्थन के महत्व के बारे में शिक्षित करना है। उन्होंने भारत और तिब्बत के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध, तिब्बत पर गैरकानूनी कब्जे और केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) की भूमिका सहित विभिन्न विषयों पर एक पावर पॉइंट प्रस्तुति भी दी। डॉ. अक्षयबर पांडे ने भारत और तिब्बत के बीच आध्यात्मिक संबंध पर प्रकाश डाला। उन्होंने नालंदा और तिब्बत के बीच बौद्ध गुरुओं के आवागमन का उल्लेख किया, जिसने तिब्बत में बौद्ध धर्म के प्रसार में योगदान दिया।
उन्होंने तिब्बत के महत्व और इसे लेकर चीन की असुरक्षा पर भी चर्चा की। इसके अतिरिक्त उन्होंने तिब्बत पर चीन के कब्जे के कारण उत्पन्न डोकलाम और गलवान सीमा मुद्दों का उल्लेख किया और तिब्बती लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में सीटीए की भूमिका पर जोर दिया। कार्यक्रम में ३०० से अधिक छात्र और कुछ मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे। समापन पर तेनज़िन जॉर्डन ने उपस्थित लोगों के प्रति आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम में धर्मशाला से तिब्बत संग्रहालय को भी आमंत्रित किया गया था और उन्होंने परिसर में ‘भारत-तिब्बत संबंध’ शीर्षक से एक फोटो प्रदर्शनी लगाई, जिसमें छात्रों और संकायों की भीड़ उमड़ पड़ी। समारोह में भारत-तिब्बत समन्वय कार्यालय, नई दिल्ली ने तिब्बत से संबंधित पुस्तकें और ब्रोशर भी वितरित किए।