अमर उजाला, 23 जुलार्इ 2012
ललितपुर: भारत तिब्बत मैत्री संघ, फ्रैंडस आफ तिब्बत, राष्ट्रीय युवा योजना, करूणा इंटरनेशनल एवं आजादी बचाओ आंदोलन के संयुक्त तत्वाधान में बौद्ध भिक्षुओं द्वारा लगातार किए जा रहे आत्मदाह की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की गर्इ।
सुधाकर तिवारी ने कहा कि तिब्बत की आजादी के लिए संघर्ष कर रहे लोगों एवं दलार्इ लामा के प्रति श्रद्धा रखने वाले बौद्ध भिक्षुओं को चीनी सरकार जेलों में ठूस रही है।
अगर तिब्बत में दमन बंद नही हुआ तो उनके शासन का अंत वैसा ही होगा जैसे दूसरे देशों में तानाशाहों का हुआ। इस मौके पर विनोद त्रिपाठी, संजय सेन, प्रदीप रावत, जितेंद्र पंथ, सोनू यादव, नरेंद्र राठौर, अखिलेश पाठक, अनुज त्रिपाठी, पुनीत रजक, सुरेंद्र सिंह पटेल, देशबंधु नरवरिया, मांडवी त्रिपाठी, संध्या तिवारी, अनुपना पांडेय, दिव्यांशी पांडेय, रेखा रजक, शिखा जैन, रशिम मिश्रा, चंचल चौरसिया, गीता वर्मा आदि उपसिथत रहे।