tibet.net / धर्मशाला। अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन की ओर से १७ नवंबर को जारी एक प्रेस बयान में बताया गया है कि विदेश मंत्री ने चीन के साथ-साथ बर्मा, इरिट्रिया, ईरान, डीपीआरके, पाकिस्तान, रूस, सऊदी अरब जैसे देशों को धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के लिए विशेष चिंता वाले देशों के रूप में नामित कर दिया है।
बयान में कहा, ‘हर साल अमेरिकी विदेश मंत्री पर दुनिया भर की उन सरकारों और व्यवस्था से इतर के लोगों की पहचान करने की जिम्मेदारी होती है, जिनकी स्थिति धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन की नीति के कारण अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत तय की जाती है।’
बयान में विदेश मंत्री ने कहा है, ‘मैं बर्मा, चीन, इरिट्रिया, ईरान, डीपीआरके, पाकिस्तान, रूस, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान को विशेष चिंता वाले देशों के रूप में नामित कर रहा हूं, जो ‘धार्मिक स्वतंत्रता के व्यवस्थित, चल रहे और गंभीर उल्लंघन’ के मामलों में शामिल हैं।’
उन्होंने कहा, ‘मैं उन सरकारों के लिए विशेष निगरानी सूची में अल्जीरिया, कोमोरोस, क्यूबा और निकारागुआ को भी रख रहा हूं, जिन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता का गंभीर उल्लंघन किया है या ऐसे उल्लंघनों को सहन किया है।’
विदेश मंत्री ब्लिंकन ने सभी और हर देश में धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता की वकालत करने के लिए अमेरिका की अटूट प्रतिबद्धता का भी वादा किया। उन्होंने नोट किया कि सरकारें दुनिया भर में बहुत से स्थानों पर अपनी मान्यताओं के अनुसार अपना जीवन जीने के लिए लोगों को परेशान करती हैं, गिरफ्तार करती हैं, धमकी देती हैं, जेल में डालती हैं और मार देती हैं। उन्होंने व्यक्त किया कि अमेरिकी प्रशासन प्रत्येक व्यक्ति के धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता के अधिकार का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें इस मानव अधिकार के उल्लंघनकर्ताओं और दुर्व्यवहारियों का सामना करना और उनको रोकना शामिल है।