दैनिक जागरण, 3 जुलाई 2013
तिब्बत की आजादी भारत की सामरिक, पर्यावरणीय, आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है। उक्त बातें भारत-तिब्बत सहयोग मंच के संयोजक डा. शुभलाल साह ने कही। वे मंगलवार की शाम स्थानीय वेलकम में तिब्बतियों के आध्यात्मिक धर्म गुरु दलाई लामा के 78वें जन्मदिन के अवसर पर 6 जुलाई को आयोजित होने वाले समारोह की तैयारी बैठक को संबोधित कर रहे थे।
रजनीकांत मणि त्रिपाठी एडवोकेट ने कहा कि तिब्बत को आजादी मिलनी चाहिए। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता दलाई लामा का ससम्मान घर वापसी होना चाहिए और भारत सरकार को उन्हें भारत रत्न देकर संसद को संबोधित करने का अवसर प्रदान करना चाहिए। इसके पूर्व 6 जुलाई को दलाई लामा के 78 वें जन्मदिन को समारोह पूर्वक मनाने हेतु विचार विमर्श हुआ तथा जिम्मेदारियां सौंपी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता मंच के संयोजक डा. साह तथा संचालन सुरेश प्रसाद गुप्त ने किया। इस अवसर पर जगदीप सिंह, अमरेश कुमार मिश्र, गीता शर्मा, दिव्येंदु मणि त्रिपाठी, सीनू गुप्त, अर्चना शर्मा, बाबू चकमा, विजय कुमार शर्मा आदि उपस्थित रहे