वाशिंगटन। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) पर गठित हाउस सलेक्ट कमेटी के अध्यक्ष माइक गैलाघेर और रैंकिंग सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के सिक्योंग पेन्पा छेरिंग और आईसीटी अध्यक्ष रिचर्ड गेरे के साथ बैठक के बाद बुधवार १८ अक्तूबर को संयुक्त बयान जारी कर चीन-तिब्बत संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान किया।
बयान में कहा गया है, ‘पिछले कुछ वर्षों में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के हाथों तिब्बतियों के मानवाधिकारों का भयावह हनन किया गया है। इनमें यातना, मनमाने ढंग से गिरफ्तारी या हिरासत में लेना, देश के बाहर के व्यक्तियों से संपर्क रखने के कारण दमन और तिब्बतियों की स्वतंत्रता, स्वायत्तता और बुनियादी अधिकारों पर अन्य गंभीर प्रतिबंध शामिल हैं। हाल के महीनों में शी जिनपिंग ने तिब्बती अधिकारों पर दमनात्मक कार्रवाई को तेज कर दिया है। शी ने दलाई लामा की उत्तराधिकार प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया है, तिब्बतियों का बड़े पैमाने पर डीएनए संग्रह कराया है और उनकी निगरानी बढ़ा दी है। आज हम तिब्बती लोगों के समर्थन में एकजुट हैं और सीसीपी से तिब्बत पर कब्जा खत्म करने का आह्वान करते हैं। सभी तिब्बतियों को प्रतिशोध के डर के बिना शांतिपूर्वक अपनी बात कहने का अधिकार होना चाहिए और हम तिब्बत पर सीसीपी के क्रूर दमन का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए श्री रिचर्ड गेरे और सिक्योंग (राष्ट्रपति) पेन्पा छेरिंग जैसे प्रमुख शुभचिंतकों के साथ काम करने के लिए तत्पर हैं।