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०२ सितंबर २०२२
धर्मशाला। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) ने ६२वें तिब्बती लोकतंत्र दिवस के अवसर पर आज ०२ सितंबर कीसुबह १० बजे त्सुगलकखांग में एक संक्षिप्त समारोह का आयोजन किया।
मुख्य अतिथि विधायक श्री विशाल नेहरिया की अध्यक्षता में समारोह का नेतृत्व कार्यवाहक सिक्योंग कालोन थरलाम डोल्मा चांगरा, कालोन ग्यारी डोल्मा, निर्वासित तिब्बती संसद के अध्यक्ष खेंपो सोनम तेनफेल, उपाध्यक्ष डोल्मा त्सेरिंग, कार्यवाहक मुख्य न्यायिक आयुक्त कर्मा दादुल के अलावा विभागों के सचिवों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने किया।
कार्यक्रम का उद्घाटन कार्यवाहक सिक्योंग द्वारा तिब्बती ध्वज फहराने के साथ-साथ तिब्बती राष्ट्रगान और भारतीय राष्ट्रगान से किया गया।
औपचारिक परंपरा का पालन करते हुएटीपा ने लोकतंत्र गीत के गायन में सभा का नेतृत्व किया।
लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत कशाग और न्यायपालिका के विकास पर बोलते हुए कार्यवाहक सिक्योंग ने लोकतंत्र दिवस पर कशाग का बयान पढ़ा।
उन्होंने कहा, ‘कशाग की स्थापना सातवें दलाई लामा केलसांग ग्यात्सो द्वारा की गई थी, जब उन्होंने १७५१में तिब्बत का आध्यात्मिक और राजनीतिक नेतृत्व ग्रहण किया था। उस समय कशाग तीन सामान्य नागरिक मंत्री और एक भिक्षु मंत्री से बना था, जिसकी संरचना में क्रमिक परिवर्तन हुए हैं। पहले राजा न्यात्री त्सेनपो से गादेन फोडंग तक तिब्बती सरकार की वैधता की निर्बाध निरंतरता का प्रतीक सातवें दलाई लामा द्वारा तत्कालीन कशाग को आधिकारिक मुहर, कथम शिशी डिकी सौंपने की परंपरा है। कशाग परिवर्तन के दौरान मुहर सौंपने की परंपरा अब तक जारी है।‘
इसके अलावा, उन्होंने भारत में निर्वासित सरकार की स्थापना से लेकर परम पावन चौदहवें दलाई लामा द्वारा लोकप्रिय निर्वाचित नेतृत्व को शक्तियों के हस्तांतरण तक तिब्बती लोकतंत्र के महत्वपूर्ण पड़ावों पर भी प्रकाश डाला।
कार्यवाहक सिक्योंग ने हाल ही में यानि,२३ जून २०२२ को अमेरिकी कांग्रेस की सुनवाई को लेकर प्रसन्नता जताई,जो तिब्बत की ऐतिहासिक स्थिति पर विशेषज्ञों की अपनी तरह की पहली सुनवाई थी। उन्होंने १३ जुलाई २०२२को ‘तिब्बत-चीन संघर्ष निदान को बढ़ावा देने के लिए प्रस्ताव अधिनियम (द प्रोमोटिंग ए रिजोल्यूशन टू द तिब्बत- चाइना कंफ्लिक्ट ऐक्ट) के लिए अमेरिकी प्रतिनिधि सभा सदस्यों- मैकगवर्न और मैककॉल की भी सराहना की। उन्होंने कहा,‘यह न केवल केंद्रीय तिब्बती प्रशासन की मध्यम-मार्ग नीति के अनुरूप है, बल्कि बातचीत के माध्यम से चीन-तिब्बत संघर्ष को हल करने के हमारे प्रयासों का लाभ उठाने में भी मदद करता है। हम यूरोप में समान विचारधारा वाले देशों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करने के प्रयास करना जारी रखेंगे।‘
इसके बाद, निर्वासित तिब्बती संसद के स्पीकर खेंपो सोनम तेनफेल ने इस दिन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, ‘शासन की लोकतांत्रिक व्यवस्था इस धारणा पर आधारित है कि किसी व्यक्ति की सामाजिक स्थिति के आधार पर उसके साथ कोई भेदभावपूर्ण बर्ताव नहीं किया जाना चाहिए। इसमें प्रश्न यह नहीं होना चाहिए कि वह कितना शक्तिशाली है या कमजोर, अमीर है या गरीब, वह व्यक्ति पुरुष है या महिलाया उसके वंश और जाति क्या है। बल्कि, यह एक ऐसी व्यवस्था है जो समाज को समग्रता में या एकसमान रूप से देखती है, जिसमें सभी को समान रूप से देखा जाता है और प्राथमिक ध्यान आम जनता की इच्छा के आधार पर कार्य करने पर दिया जाता है।‘
इस तरह की एक महान प्रणाली को संस्थागत रूप देने के उद्देश्य सेदुनिया भर के देशों में युद्ध, विद्रोह और संघर्ष जैसे बहुत सारे विवाद हुए हैं। इस तरह की उथल-पुथल में जीत या हार से नतीजे तय होते हैं। इस तरह के विभिन्न माध्यमों से लोकप्रिय इच्छा शक्ति के द्वारा शासन प्रणाली की प्राप्ति की प्रवृत्ति आज भीपूरी दुनिया में बनी हुई है।
लेकिन हमारे लोकतंत्र के विकास में ऐसा कुछ नहीं हुआ। बल्कि यह बिना किसी अशांति के घटित हुआ, क्योंकि यह हमें परम पावन दलाई लामा द्वारा खुशी के साथ और तिब्बती लोगों के प्रति उनके महान स्नेह के कारण उपहार में दिया गया है। निर्वासित तिब्बती लोगों की लोकतांत्रिक व्यवस्था के विकास के पाठ्यक्रम से यह सब बहुत स्पष्ट है।
इसी प्रकार मुख्य अतिथि विधायक विशाल नेहरिया ने निर्वासन में फलते-फूलते तिब्बती समुदाय और अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के माध्यम से धर्मशाला को एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल बनाने में उसकी भूमिका की सराहना की।
इसके बाद, मेवेन त्सुगलग पेटोएन, अपर टीसीवी और योंगलिंग स्कूल के छात्रों ने उपस्थित दर्शकों के समक्ष सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रदर्शन किया। दर्शकों के लिए टीपा ने भी अपनी प्रस्तुति दी।
सिक्योंग छात्रवृत्ति विजेताओं को प्रमाण-पत्र प्रदान करने की वार्षिक परंपरा के अनुसार, कार्यवाहक सिक्योंग ने बारहवीं कक्षा की अखिल भारतीय परीक्षा के टॉपर्स, डॉक्टरेट शोधकर्ताओं और गाडेन फोडंग छात्रवृत्ति विजेताओं को प्रमाण-पत्र प्रदान किए।
इसी तरह, स्पीकर ने सीटीए में पच्चीस वर्ष की सेवा पूरी कर चुके सिविल सेवा कर्मचारियों को उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किया। उन्होंने गृह विभाग की पहल यस कार्यक्रम के विजेताओं को भी सम्मानित किया।
कार्यक्रम का समापन कार्यवाहक मुख्य न्यायिक आयुक्त द्वारा प्रतिनिधि टी.जी.आर्या के ‘हार्नेसिंग द ड्रैगन्स फ्यूम’ के तिब्बती अनुवाद के विमोचन के साथ हुआ।