सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग और एलएएचडीसी (LAHDC) के अध्यक्ष श्री ताशी ग्यालसन
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२३ अगस्त, २०२१
लेह। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) के सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने लद्दाख की अपनी आधिकारिक यात्रा के दूसरे दिन २१ अगस्त को दुचिक खानाबदोश बस्ती का दौरा किया। सिक्योंग ने दुचिक में आठ खानाबदोश परिवारों से मुलाकात की और हाल ही में पशुओं में आई महामारी पर चर्चा की जिससे १२५० बकरियां और भेड़ें मारे गए। सिक्योंग ने बताया कि तिब्बती जनता ने नुकसान की भरपाई के लिए भीड़ से चंदा वसूलकर धन जुटाया है और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए स्थानीय प्रशासन की पेशकश की भी जानकारी दी है। सिक्योंग ने दानदाताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए खानाबदोशों को भविष्य में ऐसी आपदाओं से बचने के लिए पहले से तैयारी करने की सलाह दी।
दुचिक की अपनी यात्रा के बाद सिक्योंग ने शे मठ और थिकसे मठ का दौरा किया जहां उन्होंने प्रार्थना की और मत्था टेका। यात्रा के दौरान उन्हें थिकसे रिनपोछे से भी आशीर्वाद प्राप्त हुआ। दोपहर में, सिक्योंग ने वहां रहने वाले बुजुर्ग तिब्बतियों से मिलने के लिए टीसीवी वृद्धाश्रम का दौरा किया। बाद में, सिक्योंग ने मुख्य प्रतिनिधि, स्थानीय न्याय आयुक्त, सहकारी समिति के प्रबंधक, लेह और झांगथांग के क्षेत्रीय तिब्बती मुक्ति साधना केंद्र के कर्मचारियों और लद्दाख में अन्य सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के कर्मचारियों के साथ अनौपचारिक बैठक की।
अनौपचारिक बैठक के दौरान, सिक्योंग ने लद्दाख जाने की अपनी लंबे समय की इच्छा को व्यक्त किया और बताया कि उन्होंने अपने अभियान के दौरान कहा है कि अगर वह सिक्योंग चुनाव जीतते हैं तो वह सबसे पहले लद्दाख की आधिकारिक यात्रा करेंगे। उन्होंने अनौपचारिक बैठक के प्रतिभागियों का उनके सामने आने वाली कठिनाइयों और चुनौतियों को व्यक्त करने के लिए स्वागत किया और उनसे यह भी पूछा कि स्थानीय और केंद्रीय सरकार ने कठिनाइयों को हल करने के लिए क्या किया है। उन्होंने आगे उनसे तिब्बती इतिहास और तिब्बती चार्टर के अध्ययन के महत्व पर प्रकाश डाला और उनसे इसका अध्ययन करने का आग्रह किया।
अपने कशाग के मुख्य उद्देश्यों की व्याख्या करते हुए, उन्होंने कहा कि सिक्योंग के रूप में उनके तीन मुख्य लक्ष्य हैं। इनमें पहला परम पावन दलाई लामा द्वारा परिकल्पित पारस्परिक रूप से लाभप्रद मध्यम मार्ग दृष्टिकोण के आधार पर तिब्बत मुद्दे को हल करने के लिए चीन-तिब्बत वार्ता की बहाली, दूसरा तिब्बती जनता और केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के बीच सहयोग-संपर्क को और मजबूत करके निर्वासित तिब्बतियों के कल्याण के लिए काम करना और अंत में तीसरा विश्व नेताओं और राजनयिकों से मिलकर वैश्विक मंच पर तिब्बत मुद्दे को मजबूत करना है।
सिक्योंग ने स्थानीय तिब्बती नेताओं को स्थानीय प्रशासन और गणमान्य व्यक्तियों के साथ फलदायक संबंध बनाए रखने की भी सलाह दी। उन्होंने आगे भविष्य की परियोजनाओं की योजना बनाने से पहले स्थानीय स्थिति को समझने के महत्व पर जोर दिया, विशेष रूप से क्षेत्र की आबादी और जनता के बीच परियोजनाओं के लाभों के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए अभियान चलाने पर जोर दिया।
अगले दिन २२ अगस्त को सिक्योंग ने तीन मठों और सोनमलिंग तिब्बती बस्ती के १२ शिविरों का दौरा किया और उसके बाद मख्यू और चुशुल खानाबदोश बस्तियों का दौरा किया। उन्होंने सैनिक तेनज़िन न्यिमा के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की, जो पिछले साल भारत-चीन संघर्ष के दौरान शहीद हो गए थे। इसके बाद उन्होंने बेसहारा और बुजुर्ग तिब्बतियों और सोनमलिंग बस्ती के शिविर नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने शिविर के नेताओं को आश्वासन दिया कि वह ‘लद्दाख पर्वतीय परिषद’ के नेताओं और लद्दाख के संसद सदस्य के साथ अपनी बैठक के दौरान उनकी शिकायतों को उठाएंगे। उन्होंने सीटीए की निरंतर सहायता और समर्थन का भी आश्वासन दिया।
बैठकों के दौरान, सिक्योंग ने जनता को उन कार्यों के बारे में बताया, जिन पर उन्होंने सिक्योंग की जिम्मेदारी संभालने के बाद से पिछले ढाई महीनों में ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने जिन दो मुख्य कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया है, वे हैं चीन-तिब्बत वार्ता की बहाली और तिब्बती जनता, विशेषकर गरीबों और बुजुर्गों की सेहत की देखभाल करना। उन्होंने कहा कि यदि वे इन दो कार्यों को पूरा कर सकते हैं, तो वे परम पावन दलाई लामा की आकांक्षाओं को पूरा करेंगे। सिक्योंग ने शाम को एग्लिंग में टीसीवी शाखा स्कूल का दौरा किया।
अगले दिन २३ अगस्त को, सिक्योंग ने नागरी मठ का दौरा किया और प्रार्थना की। सुबह ०९:१५ बजे, सिक्योंग ने भारतीय संसद के पूर्व सदस्य और लद्दाख बौद्ध संघ के अध्यक्ष थुप्टेन त्सेवांग से उनके आवास पर मुलाकात की। उनके साथ मुख्य प्रतिनिधि, स्थानीय तिब्बती सभा के अध्यक्ष, टीसीवी स्कूल के निदेशक, सहकारी समिति के अध्यक्ष और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के निदेशक भी थे। इसके बाद उन्होंने लद्दाख में जोखांग मठ का दौरा किया, जहां सिक्योंग के लिए एक भव्य स्वागत समारोह का आयोजन किया गया था। स्वागत के बाद, सिक्योंग ने लद्दाख से भारतीय संसद के माननीय सदस्य जमयांग त्सेरिंग नामग्याल से उनके आवास पर मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने उपायुक्त श्री श्रीकांत बालासाहेब सुसे से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की।