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धर्मशाला। भारत में लॉकडाउन 3 मई को समाप्त होने के बाद भी सिक्योंग डॉ लोबसांग सांगेय ने तिब्बती बस्तियों और स्कूलों में अतिरिक्त 30 दिनों तक यानी 5 जून को सकदावा की पूर्णिमा तक लॉकडाउन का पालन करने का आह्वान किया है।
आज 30 अप्रैल को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए सिक्यांग ने भारत में तिब्बतियों का आह्वान करते हुए अपनी बात को दोहराया कि वे पूरे भारत के स्कूलों, मठों, वृद्धाश्रमों और बस्तियों में 30 अतिरिक्त दिनों तक लॉकडाउन को जारी रखें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक दिन संक्रमण बढ़ रहा है और भारत अपनी घनी आबादी में लॉकडाउन को खत्म करता भी है तो भी संक्रमण का खतरा पहले से कहीं अधिक होगा।
उन्होंने छात्रों से दिल्ली और प्रमुख शहरों के कोरोना वायरस हॉटस्पॉट की यात्रा करने के बजाय मई के महीने में स्कूल परिसरों में रहने का आग्रह किया और इसी तरह, तिब्बतियों को बस्तियों से शहरों में विशेषकर हॉटस्पॉट शहरों में नहीं निकलने की सलाह दी।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वर्तमान में धर्मशाला से बाहर रह रहे लोगों को परम पावन दलाई लामा और केंद्रीय तिब्बती प्रशासन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मई के महीने में धर्मशाला न आने का आग्रह किया।
सिक्योंग ने मॉन्ट्रियल में रह रहे एक 90 वर्षीय तिब्बती की मौत पर शोक व्यक्त किया और मृतक के परिवार के साथ एकजुटता और संवेदना व्यक्त की।
उन्होंने वुहान से निकली कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण से स्वस्थ हो रहे तिब्बतियों की संख्या पर उत्साहजनक अपडेट भी दिया।
सिक्योंग ने इस संकट में सीटीए द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं जैसे कोविड-19 के लिए सेटलमेंट अफसरों, अस्पताल निदेशकों, डॉक्टरों और नर्सों के संपर्कों की निर्देशिका के साथ-साथ सीटीए न्यूज मीडिया पर ऑनलाइन प्रकाशित मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन सेवाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि जब डाक सेवाएं फिर से शुरू होती हैं तो विदेश में तिब्बती लोग प्रतिरक्षा के लिए डाक से तिब्बती हर्बल दवाओं की खरीद कर सकते हैं।
सिक्योंग ने इस संकट के दौरान विभिन्न मठों और संगठनों की अगुवाई में जरूरतमंदों और प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए राहत प्रदान करने की पहल की सराहना की। हालांकि उन्होंने स्वयंसेवकों से राशन वितरण के दौरान सामाजिक दूरी को बनाए रखने के लिए राहत कार्य करने को कहा। राशन वितरण के दौरान भीड़ बढ़ सकती है और बीमारी के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
गृहमंत्री सोनम टोपग्याल खोरलात्संग ने लॉकडाउन के कार्यान्वयन के लिए भारत सरकार के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त करते हुए अपना संबोधन शुरू किया। लॉकडाउन के कारण वायरस के प्रसार पर प्रभावी ढंग से रोक लगी। उन्होंने सीटीए और इसके अधिकारियों द्वारा की गई पहलों के बारे में भी जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि गृह विभाग ने सभी 43 बस्तियों के अधिकारियों के साथ एक व्हाट्सएप समूह बनाया है ताकि उनसे दैनिक अपडेट प्राप्त किया जा सके और काशाग को सूचित किया जा सके। कोरोना वायरस पर टास्क फोर्स और आपातकालीन प्रतिक्रिया समिति भी उसी तर्ज पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अधिकांश बस्तियों में एम्बुलेंस सेवाओं के साथ क्वारंटाइन सुविधाएं उपलब्ध हैं। सभी सेटलमेंट अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे क्षेत्र में कोविड-19 मरीजों की देखभाल के लिए नामित अस्पतालों के बारे में जनता को सूचित करें और परिवहन सेवाओं की व्यवस्था करें। इनमें से किसी से भी आपातकालीन भत्ता नहीं लिया जाए। उन्होंने उपायुक्तों से संपर्क करने के लिए हेल्पलाइन नंबर- 104 और परिवहन सेवाओं के लिए हेल्पलाइन नं. 109 के बारे में भी जानकारी प्रदान की।