दैनिक जागरण, 15 सितम्बर, 2012
जागरण प्रतिनिधि, विकासनगर: तिब्बतियों के सर्वोच्च धर्मगुरु दलाई लामा शनिवार को बहन जेचुन प्यामा के साथ तिब्ब्तन चिल्ड्रेन विलेज स्कूल सेलाकुई पहुंचे। यहां उनका जोरदार स्वागत किया गया। इसके बाद धर्मगुरु ने स्कूली बच्चों से विचार साझा किए।
शनिवार दोपहर दो बजे के करीब भारी सुरक्षा के बीच तिब्बतियों के सर्वोच्च धर्मगुरु दलाई लामा का काफिला जैसे ही स्कूल परिसर में पहुंचा, उपस्थित सैकड़ों बच्चों ने वाद्य यंत्रों की मधुर धुनों के साथ पारंपरिक शैली में नृत्य से उनका स्वागत किया। इससे पूर्व सुरक्षा की दृष्टि से पूरा स्कूल परिसर पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात थी। आयोजकों ने सर्वोच्च धर्मगुरु दलाई लामा के सेलाकुई में हुए कार्यक्रम को नितांत निजी बताते हुए पत्रकारों से दूरी बनाए रखी।
कार्यक्रम समापन के बाद स्कूल के प्रधानाचार्य और कार्यक्रम के आयोजक डुक सेरिंग ने बताया कि अपने संबोधन में सर्वोच्च धर्म गुरु दलाई लामा ने स्कूली बच्चों सहित उपस्थित सभी तिब्बती समुदाय के लोगों से सत्य के मार्ग का अनुसरण करने का आह्वान किया। धर्मगुरु ने कहा कि ईमानदारी और सभी के प्रति दयाभाव रखते हुए तिब्बत की संस्कृति का संरक्षण करें। उन्होंने स्कूली बच्चों को व्यावहारिक ज्ञान बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि बदलते समय के साथ किताबी ज्ञान से अधिक महत्व व्यावहारिक ज्ञान का हो गया है। संबोधन के अंत में सर्वोच्च धर्म गुरु दलाई लामा ने विश्व शांति के लिए प्रार्थना की। इस दौरान भारी संख्या में तिब्बती समुदाय के छात्र-छात्राएं व लोग मौजूद थे।