दैनिक भास्कर, 5 मई, 2016
दो दिवसीय विश्व शांति बैठक में तिब्बतियों के सर्वोच्च धर्मगुरु दलाईलामा अजमेर की दरगाह शरीफ स्थित सूफी के दीवान सायद जैनुल आबद्दीन के साथ विचार साझा करते हुए।
दुनियाभर के संघर्षरत देशों से आए युवा प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए दलाईलामा ने कहा कि सत्य, अंहिसा प्रेम का मार्ग अपना कर हम सभी समस्याओं का हल निकाल कर विश्व में शांति ला सकते हैं। क्रोध के कारण उत्पन्न होने वाली नकारात्मक शक्ति से हमारा ही विनाश होता है। मैक्लोडगंज के थेकचेन चौलिंग बौद्ध मठ में दुनिया भर के उन देशों के प्रतिनिधि जो वर्तमान में संघर्ष का सामना करते हुए निर्वासन का जीवन व्यतीत कर रहे हैं को संबोधित कर रहे थे। इस बैठक में डॉ. सैयद जफर महमूद, एक सेवानिवृत्त नौकरशाह और सामाजिक कार्यकर्ता और दीवान सैयद जैनुल आबदीन अजमेर शरीफ दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख हैं। दलाईलामा ने इस बैठक में दो भारतीय मुस्लिम नेताओं को विशेष रूप से आमंत्रित किया था। दोनों अपने काम अंतर-धार्मिक समझ को बढ़ावा देने के लिए प्रतिष्ठित हैं। दलाईलामा ने कहा कि एक बौद्ध भिक्षु और नालंदा परंपरा के छात्र के रूप में मैंने सदा तर्क का उपयोग किया है। मेरा मानना है कि विशलेषण से समस्याओं का हल किया जा सकता है।
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