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जेनेवा। मध्य और पूर्वी यूरोप में मुख्य रूप से सक्रिय 82 संगठनों और संघों ने संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार परिषद के सलाहकार समूह में चीनी स्थायी मिशन के मंत्री श्री जियांग डुआन की 1 अप्रैल 2020 से 31 अप्रैल तक 2021 तक के लिए की गई नियुक्ति को रद्द करने के लिए संयुक्त याचिका दायर की है।
संयुक्त याचिका संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटारेस, महासभा की तीसरी समिति के अध्यक्ष श्री क्रिश्चियन ब्राउन, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) की अध्यक्ष सुश्री एलिजाबेथ टिची- फिशबर्गर, संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त सुश्री मिशेल बाचेलेट और एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय समूह के 55 सदस्य देशों के प्रतिनिधियों को सौंपी गई। इन्हीं 55 देशों ने यूएनएचआरसी के सलाहकार समूह में चीन को नामित किया है। याचिका में चीन की नियुक्ति को रद्द करने का आह्वान किया गया।
समूह में पांच सदस्य होते हैं जो पांच अलग-अलग क्षेत्रीय समूहों- अफ्रीकी समूह, एशिया-प्रशांत समूह, पूर्वी यूरोपीय समूह, लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई समूह और पश्चिमी यूरोपीय और अन्य समूह- द्वारा नामित होते हैं। सलाहकार समूह यूएनएचआरसी की विशेष प्रक्रिया के तहत स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों की नियुक्तियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। याचिका में कहा गया है कि “इस नियुक्ति के साथ चीन ताजा नियुक्तियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले 17 विशेष प्रक्रियाओं को कमजोर करने में सक्षम हो जाएगा और अंततः विशेष प्रक्रियाओं की पूरी प्रणाली को नष्ट कर देगा। हम मछली की सुरक्षा की जिम्मेदारी बिल्ली को नहीं करने दे सकते।ष्
याचिका में कोविड-19 के बारे में गोपनीय जानकारी दुनिया के सामने लानेवाले व्हिसलव्लोअर का चीन द्वारा उत्पीड़न और डब्ल्यूएचओ को गलत जानकारी देने में चीन की भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया है, जिसने वर्तमान में दुनिया को अभूतपूर्व अराजकता और मौतों के ढेर में बदल दिया है। याचिका में यह भी कहा गया है कि प्रभावशाली समूह के लिए चीन की नियुक्ति उन सभी तिब्बतियों को हतोत्साहित करने वाला संदेश देती है जो छह दशक से अधिक के दमनकारी चीनी शासन के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं और आवाज उठा रहे हैं और जो संयुक्त राष्ट्र से उम्मीदें जारी रखना चाहते हैं। इन संगठनों ने याचिका में कहा है “यह चीनी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, उग्यूर, दक्षिणी-मंगोलियाई और हांगकांग के लोकतंत्र समर्थकों की भावना को भी ठेस पहुंचाता है, जो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी सरकार के स्वार्थों के खिलाफ अपने लोगों के बुनियादी अधिकारों के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।”
याचिका के बारे में बोलते हुए तिब्बत ब्यूरो जिनेवा के प्रतिनिधि छिम्मे रिग्जेन ने कहा, “हमने याचिका को संयुक्त राष्ट्र के सभी संबंधित कार्यालयों और सदस्य राज्यों के स्थायी मिशनों को भेज दिया है। यह मानव अधिकारों की सार्वभौमिकता में विश्वास करनेवाले संगठनों और संघों का एक सराहनीय कार्य है।“ अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार प्रणाली और संयुक्त राष्ट्र को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रति जवाबदेह बनाने और इन अंतरराष्ट्रीय संगठनों पर लोगों के विश्वास को बहाल करने के लिए इस तरह की कार्रवाई करने की आवश्यकता है। मानवाधिकार सभी के लिए है और हम चीन जैसे दुनिया के सबसे बुरे मानवाधिकार रिकॉर्ड वाले देशों में से एक देश को मानवाधिकार के मूल सिद्धांतों को बदलने की अनुमति नहीं दे सकते।”