tibet.net
एक कहावत है कि- किसी कार्य की शुरुआत काफी आसान होती है जबकि उस कार्य को समाप्त करना बहुत कठिन हो जाता है। श्री संदेश मेश्राम ने इस कहावत को सिरे से गलत साबित कर दिया है। उन्होंने भारतीय समुदायों के बीच तिब्बत के साथ भारत के संबंध के बारे में जागरूकता बढ़ाने और चीनी कम्युनिस्ट शासन में तिब्बत में रह रहे तिब्बती लोगों की कठिन स्थिति के एकमात्र उद्देश्य को लेकर भारत के 11 राज्यों में 7300 किलोमीटर से अधिक लंबी यात्रा की है।
साइकिल रैली 1 दिसंबर 2019 को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से शुरू हुई और 20 फरवरी, 2020 को हुबली शहर में पहुंची। हुबली शहर में पहुंचने पर दोउलिंग तिब्बती सेटलमेंट कार्यालय, मुंडगोड की कार्यालय सचिव सुश्री यंगचेन लामो, कोर ग्रुप के क्षेत्रीय संयोजक श्री जे पी उर्स, मठों के सदस्य, शिविर के नेता, तिब्बती युवा कांग्रेस, तिब्बती महिला संघ और पूर्व सैनिक संघ के सदस्यों ने उनका स्वागत किया।
हुबली पहुंचने पर उन्होंने श्री जेपी उर्स और सुश्री यंगचेन लामो के साथ प्रेस क्लब में साइकिल यात्रा के बारे में मीडिया को संबोधित किया। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक सहित लगभग 25 मीडिया संस्थानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को कवर किया, जिसे बाद में 10 से 12 क्षेत्रीय समाचार पत्रों में प्रकाशित भी किया गया।
मुंदगोड शहर में प्रवेश करने पर 21 फरवरी 2020 को श्री मेश्राम और श्री लोबसांग चोएफेल का शहर की सीमा पर स्वागत किया गया। चोएफेल इस यात्रा में 5 फरवरी 2020 को हुंसूर से शामिल हो गए थे। मुंडगोड के भारत-तिब्बत समर्थक समूह, विभिन्न तिब्बती मठों, संस्थानों और संगठनों के प्रतिनिधियों ने इन दोनों का बोधग्याल भारत या भरत-तिब्बत मैत्री अमर रहे, अमर रहे के नारों से इनका स्वागत किया।
मुंडगोड में तिब्बती सेटलमेंट कार्यालय के नेतृत्व में तिब्बती समुदाय के सदस्यों ने तिब्बती लोगों और विभिन्न संगठनों और संस्थानों के प्रमुखों की उपस्थिति में श्री संदेश मेश्राम की चैथी जन जागरण साइकिल यात्रा समापन समारोह दूजेलिंग कम्युनिटी हॉल में आयोजित किया। अतिथि वक्ताओं द्वारा संबोधन से पहले श्री मेश्राम को सीजीटीसी के राष्ट्रीय सह-संयोजक श्री अमृत जोशी,सीजीटीसी के श्रेत्रीय संयोजक श्री जेपी उर्स, डायगुलिंग तिब्बती सेटलमेंट कार्यालय के सचिव सुश्री यंगचेन लामो, स्थानीय तिब्बती असेंबली के उपाध्यक्ष वेन तेनजिन फुंटसोक आर्य, बीआरडीएल के अध्यक्ष वेन लांगसांग नेंदक, डॉउगुलिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी के चेयरमैन श्री तेनजिन गेवांग, संभूत तिब्बती स्कूल की प्रिंसिपल सुश्री संगपो रिगजिन, मठों के सदस्य, शिविरों के नेता, तिब्बती यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष, तिब्बती महिला संघ और दोउलिंग के पूर्व सैनिक एसोसिएशन द्वारा सम्मानित किया गया।
श्री अमृत जोशी ने श्री मेश्राम के इस प्रयास की सराहना की कि इसने न केवल भारत और तिब्बत के बीच के गहरे संबंधों को समझने में मदद की है, बल्कि इस तरह की पहल की विशाल प्रेरणा भी हासिल की है। श्री जोशी ने कहा कि यह संयोग की बात है कि श्री संदेश मेश्राम द्वारा चैथी साइकिल यात्रा का समापन उसी दिन हो रहा है जब आज एक ही दिन महाशिवरात्रि और अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस दोनों पड़ रहा है।
श्री जेपी उर्स ने अपने संबोधन में जनवरी में बायलाकुप्पे में श्री संदेश मेश्राम के साथ हुई अपनी मुलाकात के अनुभव के बारे में बताया। जब श्री मेश्राम का स्वास्थ्य खराब हो गया था और इस कारण उन्हें अपनी साइकिल यात्रा के कार्यक्रम को नये सिरे से संयोजित करना पड़ा था। उन्होंने पाया कि श्री मेश्राम शारीरिक रूप से थके हुए हैं लेकिन मानसिक स्तर पर उनका जज्बा बरकरार है और इसी जज्बे से वह इस म्रिशन को सफलतापूर्वक अपने मुकाम पर पहुंचा सके हैं।
तिब्बती सेटलमेंट कार्यालय, मुंडगोड की ओर से सुश्री यंगचेन लामो ने हिंदी में तैयार किया गया सम्मान-पत्र प्रस्तुत किया, जो उनके लिए बहुत ही सौभाग्य की बात थी और ऐतिहासिक घटना थी। उन्होंने श्री मेश्राम को उनकी सफल और सुरक्षित यात्रा के समापन के लिए शुभकामनाएं दीं।
तत्पश्चात, श्री संदेश मेश्राम ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी पिछली तीन साइकिल याञाओं के दौरान इस बात का अनुभव किया कि भारत एक विशाल देश है और इसकी जनसंख्या बहुत बड़ी है। साथ ही करोड़ों भारतीयों, विशेषकर युवाओं को तिब्बत और भारत के बीच के ऐतिहासिक संबंधों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। यहां तक कि चैथी साइकिल यात्रा के दौरान उन्होंने देखा कि आगरा में एक पीएचडी छात्र भी तिब्बत के बारे में कुछ भी नहीं जानता है। इन्हीं घटनाओं ने उन्हें इस यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विनम्रतापूर्वक कहा कि हो सकता है कि वह पिछले जन्म में तिब्बती रहे हों। उन्हीं जातसंस्कारों ने उन्हें पिछले दो दशकों से अधिक समय से इन गतिविधियों में संलग्न होने के लिए प्रेरित किया हो सकता है।
इस अवसर पर उन्होंने पुनरू पुष्टि की कि वह तिब्बती पहचान और उसकी स्वतंत्रता के लिए अपनी क्षमता के अनुसार संघर्ष की मशाल को जलाए रखने के लिए जो भी संभव होगा, उसे करना जारी रखेंगे। यहां तक कि उन्होंने उन सभी भारत-तिब्बत समर्थक समूहों के सदस्यों, तिब्बती स्वेटर विक्रेता संघ के सदस्यों, तिब्बती युवा कांग्रेस, तिब्बती महिला संघ, तिब्बती सेटलमेंट कार्यालयों, व्यक्तियों और स्वयंसेवकों के प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस चैथी जन जागरण साइकिल यात्रा को संभव बनाने में हर समय सहयोग किया।
पवित्रात्मा भिक्षुओं, संभूत तिब्बती स्कूल के छात्रों, तिब्बती समुदाय के सदस्यों और अन्य लोगों को मिलाकर कुल 1000 लोग इस यात्रा के समापन समारोह के साक्षी बने। भारत-तिब्बत समन्वय कार्यालय के समन्वयक द्वारा प्रस्तुत किए जा रहे समारोह का पूरा कार्यक्रम भारत-तिब्बत समन्वय कार्यालय के समन्वयक द्वारा प्रस्तुत किया गया और इस कार्य में कार्यक्रम के कार्यकारी अधिकारी चोने त्सेरिंग ने दोउलिंग तिब्बत सेटलमेंट कार्यालय और अन्य प्रतिभागियों का उन्हें सहयोग मिला। इन लोगों ने मिलकर श्री संदेश मेश्राम की इस ऐतिहासिक चैथी जन जागरण साइकिल यात्रा के समापन कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की थी।