सहारनपूर , 21 सितम्बर। ज्ञान कलश इंटर नेशनल स्कूल की धरा आज उस समय धन्य हो गई, जब स्कूल में तिब्बत से आये शांति मूर्ति समधोंग रिनपोचे का मंगल प्रवेश हुआ। स्कूल के टीचर्स व छात्राओं ने अपने महान अतिथि के सम्मान में पलक पांवडे बिछा दी। राज्य मंत्री संजय गर्ग ने उनका शॉल ओढाकर व स्कूल के चेयरमैन रवि सिंघल व योगेश गुप्ता ने प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका अभिनंदन किया। स्कूल की प्रिंसीपल संतोष सिरोही ने इस महान विभूति को पुष्प गुच्छ भेंट किए। उन्होंने कहा कि जिस धरा पर संतों के चरण पडते है, वह धरा पवित्र हो जाती है। संजय गर्ग ने बौद्ध धर्म की महत्ता पर प्रकाश डाला । रेन , डेविड, युहान , डेनियल , शिवंगी , आयशा, उमरा व नशरा ने बुद्धम शरणम गच्छामि , धर्मम् शरणा्म गच्छामि,संघम शारणंम गच्छामि विषय पर सुंदर नाटिका प्रस्तुत की। धम्म सोसायटी के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह ने शिक्षकों से अनुरोध किया कि उनको शिक्षक होने से पहले एक मनोवैज्ञानिक भी होना चाहिए। श्रद्धेय श्री समधोंग रिनपोछे ने अपने प्रवचन में कहा कि बौद्ध धर्म एक वैज्ञानिक धर्म है, यह विश्र्व एकता का संदेश देता है। विश्र्व को अगर शांति सदभावना चाहिए , तो उसे भारत की शरण में आना होगा । उन्होंने बौद्ध धर्म के स्वरुप , समाधि व आत्म ज्ञान का विस्तृत विवेचन भी किया । कार्यक्रम में सांस्कार निधि के सदस्य जोशी , नर्गिस मलिक , मौ.इफ्कार , सोना पाठक , ऱुबी जैन, गुलशान , व्योम सिंह , गीता ग्रोवर , मोनिका सिंह , रचना मल्होत्रा , आंचल , शीतल, ममता , प्राची , नियति , विधि , सुखविंद्र सिंह , शाहिद अंसारी , विरेन्द्र गुप्ता मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन पलक मल्होत्रा ने किया ।
शांति मूर्ति समधोंग रिनपोचे का जोरदार स्वागत
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