अमेरिका विश्व में शांति को बढ़ावा देने में महत्वूर्ण भूमिका निभा रहा है। यही कारण है कि विश्व शांति के लिए अमेरिका की ग्लोबल लीडर के रूप में पहचान बनी है। यह उद्गार बुधवार को मैक्लोडगंज के चुगलाखंग बौद्धमठ में अमेरिकी दल के सम्मान में आयोजित सम्मारोह में तिब्बतियों के सर्वोच्च धर्मगुरु दलाईलामा ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि तिब्बत के भीतर तिब्बतियों के लिए एकजुटता के लिए अमेरिका के वास्तविक समर्थन के लिए मैं डेलीगेशन के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करता हूं।
दलाईलामा ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि अमेरिका का तिब्बत समर्थन किसी अन्य कारण से नहीं है लेकिन वह सच्चाई व न्याय की भावना से समर्थन कर रहे हैं जो हमारे संघर्ष की मुख्य शक्ति है।
इससे पूर्व डेमोक्रेटिक नेता नैन्सी पेलोसी ने कहा कि दलाईलामा दया, दृष्टि और आशा के मूर्तरूप हैं। मुझे अमेरिकी डेलीगेशन के साथ यहां आने पर गर्व है। इस अवसर पर केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के अध्यक्ष डॉ. लोबसंग सांगये, तिब्बती संसद के स्पीकर खेंपो सोनम तेनफल ने सहित डेलीगेशन के प्रतिनिधि जिम मैक गर्वन, इलॉट एंजेल व भारतीय मूल की प्रोमिला जयपाल ने भी उपस्थति जनसमूह को संबोधित किया। समारोह के मध्य तिब्बत में आत्मदाह करने वाले तिब्बतियों की आत्मिक शांति के लिए दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसके अतिरिक्त महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित गीत व दलाईलामा को 80वें जन्मदिन की बधाई देते हुए गीत पेश किया।
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के प्रतिनिधियों ने तिब्बती कालाकारों द्वारा प्रस्तुत की गई प्रस्तुतियों की सराहना की।
एक दिन तिब्बत अवश्य लौटेंगे
नैन्सी पेलोसी ने कहा कि हम आने वाली चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हैं। मैंने तिब्बती बच्चों के भीतर जिस ऊर्जा व आशा को देखा और महसूस किया है मेरा विश्वास है कि वह एक दिन तिब्बत वापस अवश्य लौटेंगे।
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