लंदन। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के सिक्योंग पेन्पा छेरिंग फिनलैंड, एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया की अपनी पहली सफल यात्रा के बाद ०१ फरवरी २०२४ को लंदन पहुंचे। यहां लंदन सिटी हवाई अड्डे के आसपास रहने वाले तिब्बती समुदाय के सदस्यों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
ब्रिटेन और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तिब्बत-चीन संघर्ष समाधान के एजेंडे को आगे बढ़ाने के बारे में सिक्योंग ने समर्थकों और विशेषज्ञों के साथ ०२ फरवरी को बंद कमरे में दो बैठकें कीं। शाम को सिक्योंग पेन्पा छेरिंग ने ब्रिटेन में तिब्बत से संबंधित उन एडवोकेसी संगठनों से मुलाकात की, जो तिब्बती मुद्दे को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) की एजेंसियों के साथ काम करते हैं। इसमें ब्रिटेन में तिब्बती समुदाय के परिषद सदस्य और यूके वी-टीएजी शामिल हैं।
सिक्योंग पेन्पा छेरिंग ने ०३ फरवरी को वारविक विश्वविद्यालय में वारविक अर्थशास्त्र शिखर सम्मेलन में अतिथि के रूप में भाग लिया। उनका पहला कार्यक्रम तिब्बतियों के साथ रहा। इनमें से अधिकांश मैनचेस्टर, बर्मिंघम, लीड्स और विरल में रहते हैं और कुछ लंदन से आए थे। १६वें कशाग के दृष्टि- पत्र की प्रतियां तिब्बतियों को वितरित की गईं और उन्हें अपने निर्वाचित राजनीतिक नेता से सीधे प्रश्न पूछने का अवसर दिया गया। लंदन स्थित तिब्बत कार्यालय के प्रतिनिधि सोनम फ्रैंसी ने बैठक की अध्यक्षता की।
दोपहर के भोजन के दौरान सिक्योंग को वारविक इकोनॉमिक्स समिट (डब्ल्यूईएस)- २०२४ के अन्य वक्ताओं के साथ मिलने और बातचीत करने का अवसर मिला। दोपहर के भोजन के बाद डब्ल्यूईएस के जोसेफ ब्रेनन की अध्यक्षता में वारविक विश्वविद्यालय के चुनिंदा छात्रों के समूह के साथ एक छोटी बैठक हुई। ऐसा लगता है कि उन्होंने पिछले हफ्ते सिक्योंग की बाल्टिक देशों की यात्रा और सीटीए के बारे में जानकारी उनके द्वारा उठाए गए सवालों से ही प्राप्त कर ली थी। दिन के कई कार्यक्रमों के बाद अंतिम कार्यक्रम डब्ल्यूईएस में मुख्य भाषण देना था। मुख्य भाषण के दौरान सभागार में ४०० से अधिक लोग उपस्थित थे। ‘तिब्बत: मूल्य-आधारित स्वतंत्रता आंदोलन की चुनौतियां’ विषय पर सिक्योंग ने चीन की कम्युनिस्ट सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन का विरोध करने के लिए तिब्बती परंपरा में निहित शांति, सम्मान और करुणा के मानवीय मूल्यों पर प्रकाश डाला। दर्शकों में कई चीनी छात्र भी शामिल थे। इसलिए तिब्बती नेतृत्व ने इस अवसर को शांति और सुलह (मध्यम-मार्ग दृष्टिकोण) के तिब्बती संदेश को चीनी लोगों तक पहुंचाने के तौर पर इस्तेमाल किया। सिक्योंग पेन्पा छेरिंग वारविक अर्थशास्त्र शिखर सम्मेलन में बोलने वाले पहले तिब्बती नेता थे और उनकी यात्रा और भाषण का वारविक विश्वविद्यालय समुदाय ने गर्मजोशी से स्वागत किया। बातचीत के बाद बड़ी संख्या में श्रोताओं ने सिक्योंग के साथ चर्चा करने और तस्वीरें लेने में रुचि दिखाई।
सिक्योंग की फिनलैंड, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया और ब्रिटेन की यात्रा तिब्बत कार्यालय, लंदन द्वारा आयोजित की गई थी। इस पूरी आधिकारिक यात्रा के दौरान केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के निर्वाचित नेता के साथ तिब्बत कार्यालय, लंदन के प्रतिनिधि सोनम फ्रैसी और सचिव लोचो सैमटेन भी थे।