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थेकछेन छोलिंग, धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश, भारत। १३ अगस्त की सुबह सोवियत संघ के पूर्व नेता और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मिखाइल गोर्बाचेव के निधन का समाचार सुनने पर परम पावन दलाई लामा ने दुख व्यक्त करते हुए गोर्बाचेव फाउंडेशन को पत्र लिखा।
उन्होंने लिखा, ‘मैं अपने दोस्त के लिए दिल से प्रार्थना करता हूं और उनकी बेटी इरिना विरगांस्काया और उनके परिवार के सदस्यों, उनके दोस्तों और समर्थकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।‘
परम पावन ने लिखा,‘मैं उनके अधिक से अधिक खुलेपन और परिवर्तन लाने के प्रयासों के साथ-साथ परमाणु युद्ध का विरोध के लिए उनका बहुत सम्मान करता था। उन्होंने दुनिया में परमाणु हथियारों की संख्या को कम करने के लिए सक्रिय रूप से काम किया।
वर्षों तक मुझे कई अवसरों पर उनसे मिलने का बहुत सुअवसर मिला और हम दोनों दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अनेक शांति मंचों पर साथ रहे। हम हमेशा निकट संपर्क में बने हुए थे।
मिखाइल गोर्बाचेव दूरदर्शी और अनुकरणीय राजनेता थे। अपनी सेवानिवृत्ति के बाद भी वे दुनिया में शांति और सुलह को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध रहे। नोबेल शांति पुरस्कार विजेताओं के विश्व शिखर सम्मेलन की उनकी पहल ने नोबेल शांति पुरस्कार विजेताओं और उनसे संबंधित संगठनों को नियमित रूप से एक साथ आने का अवसर दिया है, ताकि एक अधिक जिम्मेदार, शांतिपूर्ण दुनिया बनाने के उनके सामूहिक विचारों को लागू किया जा सके।
परम पावन ने पत्र के अंत में लिखा, उन्होंने एक सार्थक जीवन जिया। हमें उस उत्साह और दृढ़ संकल्प का अनुकरण करके उनकी भावना को जीवित रखना चाहिए, जिसके साथ उन्होंने स्वतंत्रता को प्रोत्साहित किया और एक सैन्यविहीन दुनिया बनाने के लिए काम किया।