जिस मुंबई में बिहारियों को प्रांतवाद के नाम पर हिंसा का शिकार होना पडता है, उसी मुंबई में बिहार फांउडेशन ने शांति का संदेश देने के लिए शांति का अग्रदूत माने जानेवाले दलाई लामा को आमंत्रित किया है। बिहार सरकार द्वारा प्रायोजित गैरसरकारी संस्था बिहार फाउंडेशन अनिवासी बिहारियों को एकजुट कर बिहार के हित के लिए काम करने वाली संस्था मानी जाती है।
मुंबई के परेल स्थित सेंट जेवियर्स मैदान पर शनिवार को दिया जानेवाला दलाई लामा का संबोधन मुंबई में आम जनता के बीच दिया जानेवाला उनका पहला संबोधन होगा। बिहार फाउंडेशन के चेयरमैन रविशंकर श्रीवास्तव के अनुसार फाउंडेशन दलाई लामा के संबोधन के जरिए न सिर्फ देश और दुनिया को शांति का संदेश दिलवाना चाहता है, बल्कि बौद्ध धर्म में पवित्र समझी जानेवाली बिहार की भूमि को महाराष्ट्र से जोडने का माध्यम भी बनना चाहता है । गौरतलब है कि महाराष्ट्र में बाबा साहब आंबेडकर के धर्म परिवर्तन के बाद बडी संख्या में नवबौद्धों का विकास हुआ है , जो अक्सर तीर्थयात्रा के लिए बिहार के बोधगया जैसे पवित्र स्थलों पर जाना पंसद करते है । चूंकि दलाई लामा इसी धर्म के वर्तमान वरिष्ट लामा है, इसलिए बिहार फाउंडेशन उनके माध्यम से बिहार और महाराष्ट्र को जोडने का प्रय़ास कर रहा है । बिहार फाउंडेशन के जरिए ही पिछले वर्ष 22 मार्च को मुंबई में पहली बार बिहार दिवस मनाया गया था,जिसमें महाराष्ट्र में प्रचलित बिहारविरोधी राजनीति को धता बताते हुए कई मराठी नेताओं ने भी भाग लिया था।
अब दलाई लामा के जरिए इस समरसता को आगे बढाने का प्रयास करने जो रहे फाउंडेशन ने इस बार भी मुंबई के एक दलित सांसद एकनाथ गायकवाड को समारोह की स्वागत समिति का अध्यक्ष बनाया है , जबकि इसी स्वागत समिति में मुंबई के दूसरे सांसद संजय निरुपम को भी शामिल किया गया है, जोकि बिहार मूल के है।
मंबई में बिहार के मंच से शांति का संदेश देंगे । दलाई लामा
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