जोधपुर। दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो ने कहा कि भारत दुनिया का सफलतम जनतांत्रिक देश है। उन्होंने भारतीय नेतृत्व और जीवन शैली की सराहना करते हुए इसे तिब्बत के बौद्ध धर्म का पोषक भी माना।
भारत-तिब्बत मैत्री संघ और तिब्बत ऊनी वस्त्र व्यापार संघ की साझा मेजबानी में यहां गुरूवार को आयोजित कार्यक्रम में दलाई लामा ने कहा कि तुलनात्मक रूप से चीन ज्यादा विकसित राष्ट्र है, लेकिन भारत की वास्तविक शक्ति इसकी लोकतांत्रिक व्यवस्था है। इसके कारण समूचे विश्व में भारत का सम्मान होता है। उन्होंने भारतीय नेतृत्व को तिब्बत का सहयोगी बताया। शुरूआत में महापौर रामेश्वर दाधीच ने लामा का अभिनन्दन किया और मुख्यमंत्री का संदेश पढ़ा। सांसद चंद्रेश कुमारी और उनके भाई पूर्व सांसद गजसिंह ने भी विचार रखे। भारत-तिब्बत मैत्री संघ महिला मोर्चा की अध्यक्ष रेशमबाला और तिब्बत ऊनी वस्त्र व्यापार संघ की अध्यक्ष टाशी डोलमा ने उनका स्वागत किया। लामा को ढोला-मारू की प्रतिमा भेंट की गई।
“चीनी” भी चिंतित
दलाई लामा ने कहा कि चीन में बसे हजारों बौद्ध अनुयायी और चीनी विद्वान भी तिब्बत के हालात पर चिंता जताते हैं। उन्होंने तिब्बत की आजादी के लिए अहिंसात्मक आंदोलन जारी रखने की बात कही एवं हिंसा को आत्महत्या के समान बताया।
भारत सशक्त दावेदार
लामा ने कहा कि चीन सालों से तिब्बत पर अधिकार जता रहा है, लेकिन इसका कोई आधार नहीं है। उल्टे भारत के पास इसके लिए ज्यादा मजबूत कारण है। यह दीगर बात है कि भारत ने कभी इस तरह का कोई दावा नहीं किया।
पढ़ें और संस्कृति ना छोड़ें
कार्यक्रम में जुटे तिब्बती शरणार्थियों को दलाई लामा ने तिब्बती भाषा में प्रवचन दिए। उन्होंने तिब्बती समुदाय को शिक्षित होने और अपनी संस्कृति को जिंदा रखने की सीख दी।