तिब्बत.नेट, 16 अप्रैल, 2019
पार्लियामेंटरी फोरम फॉर तिब्बत ने मांग की है कि भारत सरकार दलाई लामा को भारत रत्न से सम्मानित करे। मंच के एक सदस्य और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने सोमवार को यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि विभिन्न दलों के 200 सांसदों ने अपनी पार्टी की प्रतिबद्धताओं से ऊपर उठकर दलाई लामा के लिए भारत रत्न की मांग करते हुए एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि यह ज्ञापन गृहमंत्री राजनाथ सिंह को सौंपा गया है।
शांता कुमार ने कहा कि दलाई लामा पिछले छह दशकों से अधिक समय से तिब्बती लोगों के लिए शांतिपूर्ण संघर्ष कर रहे थे। उनके योगदान को दुनिया भर में स्वीकार किया गया है। उन्हें 1989 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। सांसदों ने जागरूक निर्णय लेते हुए उनके लिए भारत रत्न की मांग की है।
1959 में तिब्बत त्यागने वाले दलाई लामा तब से निर्वासन में मैकलोडगंज में रह रहे हैं। सक्रिय राजनीतिक जीवन से मुक्त होने से पहले दलाई लामा ने तिब्बत के लिए स्वतंत्रता और चीन की संप्रभुता के तहत इसकी स्वायत्तता की मांग की। 2011 में उन्होंने सक्रिय राजनीतिक जीवन से संन्यास ले लिया और निर्वाचित नेतृत्व को निर्वासित तिब्बती सरकार की बागडोर सौंप दी। तब से वह तिब्बत मुद्दे पर भी कोई भी राजनीतिक बयान देने से बच रहे हैं।