समय Live, 3 दिसम्बर, 2011
खुद को भारत का दूत बताते हुए दलाई लामा ने कहा कि देश में भ्रष्टाचार से उन्हें काफी तकलीफ होती है.
उन्होंने उम्मीद जताई कि रिश्वतखोरी के मामलों से समझदारी से निपटा जाएगा.
दलाई लामा ने दिल्ली पब्लिक स्कूल के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं खुद को भारत के दूत के रूप में देखता हूं. मैं उसका बेटा हूं क्योंकि जब मुझे उसकी जरूरत थी उसने मेरी मदद की, इसलिए मैं लगातार भ्रष्टाचार से संबंधित खबरे पढ़ता हूं तो मुझे तकलीफ होती है,
तिब्बत के आध्यात्मिक नेता ने शुक्रवार को कहा था कि वह अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार रोधी अभियान का पूरी तरह समर्थन करते हैं लेकिन उनके तरीके के बारे में कुछ कहने से इंकार कर दिया था,
उन्होंने कहा कि हालांकि मैं एक तिब्बती हूं लेकिन मैं खुद को शारीरिक, भावनात्मक और भावपूर्ण रूप से भारतीय की तरह देखता हूं. मैं इस देश का बहुत अहसानमंद हूं. आज मैं यहां के दाल, चावल और चपाती खाने के कारण स्वस्थ हूं.
उन्होंने बच्चों से समाज में और योगदान देने के साथ गरीबों और अमीरों के बीच सेतु बनने की अपील भी की.
दलाई लामा ने कहा कि किसी महिला के मेरी जगह लेने में कोई बाधा नहीं है. बल्कि मुझे लगता है कि एक महिला ज्यादा अच्छी दलाई लामा बन सकती है क्योंकि कुछ परिस्थितियां हैं जिनसे सिर्फ वह निपट सकती है, लेकिन अभी अंतिम फैसला लिया जाना है.