tibet.net / दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ प्रचारक और भारत- तिब्बत सहयोग मंच (बीटीएसएम) के मार्गदर्शक माननीय डॉ इंद्रेश कुमार के निर्देशन में भारत-तिब्बत सहयोग मंच की दिल्ली इकाई ने वैश्य बी एस अग्रवाल हॉल, महाराजा अग्रसेन पार्क, कश्मीरी गेट, दिल्ली में गुरुवार, ०५ मई २०२२ को मंच का २३वां स्थापना दिवस मनाया।
इस अवसर पर डॉ. इंद्रेश कुमार ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब ०५ मई १९९९ को धर्मशाला में मंच की स्थापना हुई थी, उस समय तिब्बत की स्वतंत्रता के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता था। उस समय तिब्बत की आज़ादी की बात करना नामुमकिन सा लगता था, लेकिन आज मुझे यह कहते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि धर्मशाला से उठकर आज तिब्बत की आज़ादी की माँग पूरी दुनिया में फैल गई है। तिब्बत की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है और भारत-तिब्बत सहयोग मंच ने इस काम को अंजाम देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि २३ साल का सफर अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। मंच के कार्यकर्ताओं को यह जानने की जरूरत है कि तिब्बत कभी चीन का हिस्सा नहीं था और चीन कभी भी भारत का स्वाभाविक मित्र नहीं था। चीन को समुद्र से लगती कोई जमीन नहीं मिली। चीन ने सुरक्षा के लिए खुद को दीवार में कैद कर लिया था। दीवार के बाहर का उसका कोई भी क्षेत्र अवैध है। उस पर चीन का अवैध कब्जा है।
डॉ. इंद्रेश कुमार ने आगे कहा कि चीन ने कोरोना फैलाकर बहुत पाप किया है। इसने पूरी दुनिया को संकट में डाल दिया, लेकिन इसने आज तक दुनिया के सामने खेद भी नहीं जताया। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘अगर चीन को सबक सिखाया जाना है, तो चीनी सामानों का बहिष्कार सबसे अच्छा और आसान उपाय है। इस तरह के उपाय से उसकी कमर ही टूट जाएगी। जब चीन आर्थिक रूप से बहुत कमजोर होगा तो तिब्बत भी आजाद होगा और कैलाश-मानसरोवर भी आजाद होगा। मंच के कार्यकर्ता अपने मिशन में लगे रहें। एक दिन आपको अवश्य ही सफलता मिलेगी।‘
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित तिब्बती निर्वासित संसद (टीपीईई) के सांसद श्री कुंचोक यांगपेल ने कहा कि मंच के २३ वर्षों का कार्यकाल बहुत अच्छा रहा है। एक दिन जरूर आएगा जब मंच के प्रयासों से तिब्बत और कैलाश-मानसरोवर आजाद होंगे, साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से भारत भी आश्वस्त होगा। माननीय इंद्रेश कुमार जी के मार्गदर्शन में मंच बहुत अच्छा काम कर रहा है। उन्होंने मंच को बधाई दी और सभी सदस्यों को शुभकामनाएं दीं।
अन्य विशिष्ट अतिथि विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री विजय शंकर तिवारी ने कहा कि किसी भी कार्य का संकल्प लेना अपने आप में एक बड़ी बात है। माननीय इन्द्रेश कुमार जी के नेतृत्व में धर्मशाला में २३ वर्ष पहले जो संकल्प लिया गया था, वह आज भारत ही नहीं पूरे विश्व में फैल गया है। जैसे पहले लोग सोचते थे कि क्या हम कभी ब्रिटिश शासन से मुक्त होंगे, लेकिन दृढ़ संकल्प के सामने अंग्रेजों को भारत छोड़ना पड़ा और देश आजाद हो गया। इसी तरह तिब्बत चीन से आजाद होगा और हमें तिब्बत की आजादी का जश्न मनाने का मौका जरूर मिलेगा।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता बीटीएसएम के राष्ट्रीय महासचिव श्री पंकज गोयल ने कहा कि माननीय इंद्रेश जी के मार्गदर्शन में धर्मशाला से जो मिशन शुरू हुआ है, यह और भी आगे बढ़ता रहेगा। भारत के साथ-साथ विदेशों में भी इस अभियान को और तेज किया जाएगा। धर्मशाला में होने वाले रजत जयंती उत्सव से पहले ५०० जिलों में मंच की इकाइयां बनाकर तिब्बत की आजादी और कैलाश-मानसरोवर मुक्ति अभियान को घर-घर तक पहुंचाया जाएगा। श्री गोयल ने कहा कि आज पूरी दुनिया में कोई भी देश चीन पर भरोसा नहीं करता जबकि भारत पर सभी देश भरोसा करते हैं। धूर्त और पापी चीन के नापाक मंसूबों से देश और दुनिया को अवगत कराने के लिए मंच अपने अभियान को तेज करेगा।
सैम्यलिंग तिब्बती बस्ती, मजनुं का टीला के बंदोबस्त अधिकारी श्री दोरजी ने केंद्रीय तिब्बती प्रशासन और सभी तिब्बतियों की ओर से मंच को इसके २३वें स्थापना दिवस पर बधाई दी। उन्होंने माननीय डॉ. इंद्रेश कुमार के मार्गदर्शन में पिछले २३ वर्षों से तिब्बत के लिए किए जा रहे कार्यों के लिए बीटीएसएम को धन्यवाद और आभार व्यक्त किया। श्री दोरजी ने मंच को अपनी शुभकामनाएं दीं और तिब्बती हित के लिए उनके अभियान में मदद और समर्थन का भरोसा दिलाया।
तिब्बती युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्री गोंपो धुंडुप ने कहा कि परम पावन दलाई लामा हमेशा कहते हैं कि भारत और तिब्बत के बीच गुरु और शिष्य का संबंध है। अनादि काल से दोनों देशों के बीच सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और पारिवारिक संबंध रहे हैं। जब तिब्बत आजाद होगा तो कैलाश-मानसरोवर अपने आप आजाद हो जाएगा। दोनों देशों के बीच संबंध पहले की तरह हो जाएंगे। इस अवसर पर बीटीएसएम इंद्रप्रस्थ क्षेत्र के संयोजक श्री सूर्यभान पांडेय, आरटीडब्ल्यूए मजनुं का टीला की अध्यक्ष श्रीमती फुर्बु डोल्मा सहित अन्य वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता बीटीएसएम दिल्ली के अध्यक्ष श्री अजय भारद्वाज ने की और महासचिव श्रीमती संजना चौधरी ने कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम में बीटीएसएम राष्ट्रीय पदाधिकारी, दिल्ली प्रांत के पदाधिकारी, बीटीएसएम कार्यकर्ता, सैम्यलिंग तिब्बती बस्ती, मजनुं का टीला के प्रतिनिधि और आईटीसीओ कर्मचारी उपस्थित रहे।