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27 मई, 2021 : कुछ महीने पहले ‘भारत- तिब्बत समन्वय संघ (बीटीएसएस)’ नाम से स्वतंत्र रूप से गठित तिब्बत समर्थक समूह ने अपने सदस्यों के बीच एक आभासी बैठक आयोजित की और कुछ नई नियुक्तियों की घोषणा की। यह बैठक बीटीएसएस संस्थापक सदस्य श्री सौरभ सारस्वत ने बुलाई और इसकी अध्यक्षता संघ के उपाध्यक्ष (सेवानिवृत्त एयर वाइस मार्शल) श्री ओ.पी. तिवारी ने की।
सत्र के दौरान श्री सारस्वत ने संगठन के महत्व और उसके उद्देश्यों को निर्धारित किया। उन्होंने भारत के सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश और झारखंड उच्च न्यायालय की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) न्यायमूर्ति श्रीमती ज्ञान सुधा मिश्रा को बीटीएसएस की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के लिए प्रस्ताव पेश करने और पारित करने के लिए अध्यक्ष की अनुमति मांगी। इसके बाद श्री नीलेंद्र कुमार, मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) का परिचय दिया गया जो बीटीएसएस के उपाध्यक्ष का पद ग्रहण करेंगे।
दो ऐतिहासिक घटनाएं संयोग से एक ही दिन घटीं और आभासी सत्र में उपस्थित बीटीएसएस के सभी सदस्यों ने केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के नए सिक्योंग (अध्यक्ष) के रूप में चुने जाने पर पेन्पा त्सेरिंग को हार्दिक बधाई दी। सभी सदस्यों ने तिब्बत के अंदर तिब्बती लोगों पर चीनी कम्युनिस्ट सरकार के अन्याय के खिलाफ अपने अभियान को आगे बढ़ाने के बारे में अपने विश्वास को भी दोहराया।
श्रीमती ज्ञान सुधा मिश्रा ने बौद्ध धर्म और सत्य के मूल्यों में अपनी आस्था पर जोर दिया, जिसका तिब्बती लोगों द्वारा उनके संघर्ष में अच्छी तरह से प्रतिनिधित्व किया जा रहा है। वह उन दिनों को याद करती हैं जब उन्होंने झारखंड उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश के रूप में राजगीर की यात्रा की थी और उस दौरान तिब्बती लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए कुछ करने के लिए उन्हें कैसे उत्साहित किया गया था। उन्होंने बीटीएसएस की अध्यक्ष का पदभार विनम्रतापूर्वक स्वीकार किया और अपनी सेवा के द्वारा इस उद्देश्य को आगे बढ़ाने में संभव मदद करने के प्रति विश्वास व्यक्त करते हुए आभार प्रकट किया।
श्री नीलेंद्र कुमार ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, पुणे में थिनेले चोकी भूटिया से तिब्बती भाषा सीखने और सेना की वर्दी में राष्ट्र के लिए अपनी सेवा के इन सभी वर्षों के अपने अनुभव को फिर से याद किया। उन्होंने उन पर विश्वास करने के लिए बीटीएसएस के सदस्यों के प्रति भी आभार व्यक्त किया और आने वाले दिनों में वे निश्चित रूप से इसे हर संभव तरीके से भुनाने के प्रति विश्वास व्यक्त किया।
चार राष्ट्रीय सचिवों में से श्री रावल हरीश सेमवाल, गंगोत्री, उत्तराखंड; श्री माधवन, आंध्र प्रदेश और पूजनीय सुनील कौशल, वृंदावन, उत्तर प्रदेश सत्र में शामिल हुए। अन्य उपस्थित लोगों में, नेशनल बुक ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में कुशाभाऊ ठाकरे मास मीडिया एंड पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलदेव भाई शर्मा; उत्तराखंड के विधायक श्री पुष्कर सिंह धामी; भाजपा महिला मोर्चा की श्रीमती पूजा कपिल मिश्रा; गुर्जर समुदाय के नेता श्री विजय भैंसला; कवयित्री श्रीमती रुचि चतुर्वेदी; लोकतांत्रिक स्वतंत्रता सेनानी श्री रिछपाल सिंह कविया; हैदराबाद के श्री महेंद्र केसरी; विजयनगरम, आंध्र प्रदेश की श्रीमती शैलजा; नागपुर की श्री विजया केवल रमानी; धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश के डॉ. त्सुंडु डोलमा; स्पीति, हिमाचल प्रदेश की श्रीमती रिगज़िन; श्री उमाकांत स्वामी, श्री बावेश भाई, संजय तिवारी हिंदुस्तानी, न्यूज इंडिया, गुजरात के श्री. गौरव शर्मा और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में तिब्बती भाषा प्रशिक्षक के रूप में कार्य कर चुके श्री राम प्रताप चौबे उपस्थित थे। इसके अलावा, क्षेत्रीय संयोजक (बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़) श्री सुदेश कुमार चंद्रवंशी और कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज- इंडिया के क्षेत्रीय संयोजक (महाराष्ट्र और गोवा) श्री संदेश मेश्राम ने भी सत्र में भाग लिया।
इन सभी सदस्यों के साथ ही आईटीसीओ के समन्वयक ने ने बारी-बारी से दो शब्दों में श्रीमती ज्ञान सुधा मिश्रा और श्री नीलेंद्र कुमार को अपना-अपना कार्यभार संभालने के लिए बधाई दी और उनका समर्थन करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
अंत में पूजनीय सुनील कौशल की अध्यक्षता में गायत्री मंत्र के जाप के साथ सत्र का समापन हुआ। सत्र दोपहर 3.00 बजे शुरू हुआ और शाम 4.30 बजे समाप्त हुआ।
– आईटीसीओ, नई दिल्ली द्वारा जारी