थेकचेन चोएलिंग, धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश, भारत।परम पावन दलाई लामा ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्तरवें जन्मदिन (१७ सितंबर)के अवसर पर पत्र लिखकर उन्हें हार्दिक बधाई और ढेर सारी शुभकामनाएं दी हैं।
परम पावन ने लिखा, ‘मैं आपके जन्मदिन के अवसर पर आपको भारत द्वाराजी-२०शिखर सम्मेलन की सफल अध्यक्षता की बधाई देता हूं, जिसका समापन ‘वसुधैव कुटुंबकम-एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’की थीम पर हुआ है। यह एक ऐसा विषय है, जिसके साथ मेराअटूट जुड़ाव है। मैं मानवता की एकता में दृढ़ता से विश्वास करता हूं और अवसर मिलते ही इसके महत्व को प्रसारित करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करता हूं।‘
‘भारत में सबसे लंबे समय तक रहते हुए मुझे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का कद बढ़ता देखकर बड़ा सौभाग्य और संतुष्टि मिली है। इसका साक्ष्य जी-२० शिखर सम्मेलन जैसे आयोजनों में भी दिखता है। इस बैठक से यह उजागर करने का मौका मिला कि हमारी दुनियापरस्पर निर्भरता पर आधारित है।‘
उन्होंने कहा,‘भारत की अहिंसा और करुणा की परंपराएं१००० वर्ष से अधिक पुरानी हैं। इस पृथ्वी पर सबसे बड़े लोकतंत्र और सबसे अधिक आबादी वाले देश भारत में अंतर-धार्मिक सद्भाव की एक लंबी परंपरा रही है और भारत दुनिया के सामने इसके माध्यम से उदाहरण प्रस्तुत करता है। इसके अलावा, भारत की बढ़ती वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमताएं इसके विकासको और बढ़ाती है।‘
तिब्बती लोगों की ओर सेमैं एक बार फिर पिछले ६४ वर्षों में अपनेआतिथ्य और उदारतापूर्वक मिले सहायता के लिए भारत की सरकार और भारतीयलोगों के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। परम पावन ने अपने पत्र का समापन प्रार्थनाओं के साथ किया और कामना की कि प्रधानमंत्री ‘इस महान देश के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने और अधिक करुणा, शांतिपूर्ण दुनिया के निर्माण में योगदान देने के लिए स्वस्थ रहें और अपनी सफलता की गाथा लिखना जारी रखें।‘