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तिब्बतियों द्वारा अपने आध्यात्मिक धर्मगुरु परम पावन दलाई लामा के जन्मदिन ०६ जुलाई २०२२के आसपास जून और जुलाई के महीने में को उनकी तस्वीरों को अपने घरों की वेदियों पर रखने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किए जाने की सूचना मिली है। दो हालिया रिपोर्टों से संकेत मिले हैं कि कर्ज़े (चीनी: गंजी) काउंटी के एक अज्ञात तिब्बती व्यक्ति को परम पावन दलाई लामा की तस्वीर घर पर रखने के आरोपों में बुरी तरह से पीटा गया और दो तिब्बती बहनों को गिरफ्तार कर हिरासत गृह में रखा गया है।
चीनी अधिकारियों ने परम पावन दलाई लामा के एक विशाल चित्र को घर में कथित रूप से प्रदर्शित करने के लिए जून में कर्ज़े काउंटी से ६० वर्ष उम्र के एक तिब्बती व्यक्ति को गिरफ्तार किया था और बुरी तरह पीटा था।पुलिस को एक अघोषित छापेमारी में चित्र मिला जिसे तुरंत जब्त कर लिया गया।
तिब्बत टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार,अज्ञात तिब्बती को जून में कर्ज़े काउंटी के अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था और उसे काउंटी जेल ले जाया गया था। माना जाता है कि वह वर्तमान में वहीं कैद है।
गिरफ्तारी से पहले वह व्यक्ति पूर्ण रूप स्वस्थ था, लेकिन कथित तौर पर उसकी गिरफ्तारी के दौरान गंभीर रूप से पिटाई और यातना के कारण उसका स्वास्थ्य बिगड़ गया। सूत्र ने कहा कि पुलिस हिरासत में रहते हुए उस व्यक्ति को अस्पताल जाना पड़ा, हालांकि कारण स्पष्ट नहीं है।
एक सूत्र ने बताया कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उस व्यक्ति को वापस काउंटी जेल ले जाया गया।मामले को लेकर मौजूदा स्थिति स्पष्ट नहीं है।
तिब्बती बहनों की अचानक गिरफ्तारी
एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, परम पावन दलाई लामा की तस्वीर घर में रखने में बहन जुमकर की सहायता करने के लिए ११ जुलाई को एक तिब्बती महिला को नागचू के अमदो काउंटी (चीनी: एंडुओ) से गिरफ्तार किया गया था।
परम पावन दलाई लामा की तस्वीर रखने के आरोप में चीनी अधिकारियों द्वारा २३ जून को ज़ुमकर की गिरफ्तारी के बाद ११ जुलाई को उनकी छोटी बहन यूडॉन को भी गिरफ्तार किया गया था। बताया जा रहा है कि यूडॉन को ल्हासा के एक हिरासत केंद्र में रखा गया है। इसके अलावा दोनों बहनों के बारे में अन्य किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है।
लगभग २० वर्ष की यूडॉन तथाकथित तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) के नागचू (चीनी: नैकू) प्रिफेक्चर के अम्दो काउंटी के ज़ारंग (चीनी: ज़रेन) बस्ती से है। बहुत छोटी उम्र से ही वह और उसकी २७ वर्षीय बड़ी बहन जुमकर एक खानाबदोश परिवार में पली-बढ़ी हैं।
इस वर्ष मई से असंतोष के संकेत मिलने के बाद से चीनी सरकार ने ल्हासा और आसपास के तिब्बती क्षेत्रों में और आसपास के तिब्बतियों और पर्यटकों की निगरानी तेज कर दी है। इसमें फोन और घरों की तलाशी, जैसे कि परम पावन दलाई लामा की तस्वीरें रखना और निर्वासित तिब्बतियों के साथ संपर्क बनाए रखना भी शामिल है। तिब्बती बच्चों और पार्टी के सदस्यों को धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने या धार्मिक शिक्षा सत्रों में भाग लेने के लिए मठों में प्रवेश करने पर मनाही है।
इसके अलावा, चीनी अधिकारियों ने परम पावन दलाई लामा की जयंती से पहले के दिनों में तिब्बती लोगों पर अपनी निगरानी बढ़ा दी। इसमें यह सुनिश्चित की जा रही है कि कोई भी तिब्बती अपने धर्मगुरु के प्रति श्रद्धा न दिखा पाए। श्रद्धा दिखाने वाले तिब्बतियों को ऐसा करते पाए जाने पर कड़ी सजा दी जाती है।