धर्मशाला। लंबे समय से तिब्बत समर्थक नागपुर के श्री संदेश मेश्राम्र ने अपने चैथे साइकिल रैली अभियान की शुरुआत धर्मशाला में निर्वासित तिब्बती आध्यात्मिक गुरु परमपावन दलाई लामा के निवास स्थान से की जो दक्षिण भारत के मुंडगोड, हुडली तक जाएगा। श्री मेश्राम ने ’तिब्बत को मुक्त करो-भारत बचाओ’ के संदेश को फैलाने के लिए अपनी चार दिवसीय साइकिल रैली निकाली। इसमें वह साढ़े तीन महीने में लगभग 7500 किलोमीटर की यात्रा करेंगे जो भारत के 12 राज्यों से होकर गुजरेगी।
रैली का औपचारिक शुभारंभ त्सुगलखांग के मुख्य मंदिर में आज एक समारोह में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति श्री कुलदीप चंद अग्निहोत्री, सीटीए के स्वास्थ्य विभाग के कालोन चोएक्योंग वांगचुक, भारत तिब्बत मैत्री संघ के अध्यक्ष अजय सिंह और भारत तिब्बत समन्वय कार्यालय के समन्वयक जिग्मे त्सुल्ट्रिम द्वारा किया गया।
धर्मशाला के तिब्बती सेटलमेंट अफसर कुंगटा सेरिंग, धर्मशाला में सीटीए के स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव जम्पा त्सुल्ट्रिम, प्रमुख तिब्बती गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि और स्थानीय तिब्बतियों ने श्री मेश्राम को पारंपरिक तिब्बती दुपट्टा ओढ़ाकर बधाई दी और एक सुखद, सफल रैली के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
उत्तर भारत के कठोर पहाड़ी इलाके से शुरू होकर श्री संदेश मेश्राम 10 मार्च 2020 को दक्षिण भारत के मुंडगोड तिब्बती बस्ती में अपनी 7500 किलोमीटर की साइकिल रैली का समापन करेंगे।
इस अवसर पर श्री मेश्राम ने कहा, ‘साइकिल यात्रा का उद्देश्य तिब्बत के मुद्दे और तिब्बत के अंदर की गंभीर स्थिति के बारे में जमीनी स्तर पर जागरूकता पैदा करना और आम भारतीय लोगों का समर्थन जुटाना है।‘
उन्होंने कहा कि भारतीय लोगों में तिब्बत की स्थिति के बारे में जागरूकता की कमी को देखते हुए उन्होंने जागरूकता फैलाने और जमीनी स्तर पर समर्थन हासिल करने के लिए पहल की है।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति श्री कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने कहा कि भारत में यात्रा निकालने की पुरानी परंपरा रही है। कई भारतीयों ने (तत्कालीन) भारत-तिब्बत सीमा पर ल्हासा तक यात्रा की थी और इसी तरह, तिब्बतियों ने भारत की यात्राएं की हैं।
कुलपति ने कहा कि तिब्बत को लेकर जागरूकता रैली आयोजित करने की उनकी लंबे समय से इच्छा थी और इसकी पहल करने के लिए उन्होंने श्री संदेश मेश्राम को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं इस पहल के लिए अपना हार्दिक समर्थन देता हूं।‘
कालोन चोएक्योंग वांगचुक ने इस तरह के जमीनी अभियानों के दूरगामी प्रभावों और बड़े पैमाने पर इसमें सहभागिता के बारे में बात की, जो एक व्यक्ति की पहल से शुरू हो सकती हैं।
कालोन ने कहा, ‘मैं तिब्बती मुद्दे के प्रति लंबे समय से प्रतिबद्ध रहने के लिए श्री मेश्रामजी की सराहना करता हूं और उनकी अच्छी सेहत के लिए और तिब्बत के लिए उनकी एक और रैली की सफलता के लिए प्रार्थना करता हूं।‘
उन्होंने कहा कि इस रैली के माध्यम से श्री मेश्राम इन 11 राज्यों के हर सुदूरवर्ती गांवों, परिवारों और व्यक्तियों में तिब्बत के बारे में बोल रहे हैं और मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि जैसे-जैसे रैली आगे बढ़ेगी, तिब्बत के बारे में जागरूकता और समर्थन का विस्तार होता जाएगा।‘
इस अभियान का शुभारंभ करनेवाले भारत-तिब्बत मैत्री संघ के अध्यक्ष श्री अजय सिंह ने अभियान के प्रति अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया और भारत के लिए तिब्बत के सामरिक महत्व और दोनों देशों के लोगों में सदियों पुराने भाईचारा के बारे में और अधिक जागरूकता फैलाने के लिए श्री मेश्राम को प्रोत्साहित किया।
इस रैली और तिब्बत के लिए श्री मेश्राम द्वारा दशकों से चलाए जा रहे अभियान के महत्व का परिचय देनेवाले भारत तिब्बत समन्वय कार्यालय (आईटीसीओ) के समन्वयक श्री जिग्मे त्सुल्ट्रिम ने कहा, ‘जागरूकता अभियान के सबसे शीर्षस्थ कार्यक्रम के तौर पर यह रैली भारत और तिब्बत के बीच सदियों के मेलमिलाप को फिर से मजबूत बनाने और दोनों देशों के बीच की सीमाओं पर ध्यान केंद्रित करेगी जो चीन से नहीं, बल्कि तिब्बत से लगती है।
इससे पहले, श्री मेश्राम ने इस तरह की तीन साइकिल यात्राएं की हैं। पहली साइकिल यात्रा 2014 में हुई थी, जिसका शीर्षक था, ‘सेव तिब्बत साइकिल कंपेन’। यह नागपुर से चलकर पांच राज्यों- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना से 4000 किलोमीटर की दूरी तक की गई थी।
इसके बाद दूसरी साइकिल यात्रा ‘साइकिल रैली टू सेव तिब्बत’ नाम से 2016 में हुई थी। यह नागपुर से शुरू होकर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश से 1200 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए बिहार के बोधगया में पूर्ण हुई।
उन्होंने आगे बताया, ‘तीसरी साइकिल यात्रा 2017 में चीन-भारत युद्ध की याद में 20 अक्तूबर से बोधगया से शुरू हुई जो सिक्किम में नाथुला दर्रा तक 1270 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद समाप्त हुई। अब, यह उनकी चैथी साइकिल यात्रा है जो हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला स्थित केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के मुख्यालय और परम पावन दलाई लामा के निवास मैक्लोडगंज से शुरू होकर 12 राज्यों से लगभग 7500 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए कर्नाटक के मुंडगोड स्थित तिब्बती बस्ती में समाप्त होगी।‘
श्री संदेश मेश्राम कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज भारत पश्चिमी क्षेत्र (महाराष्ट्र और गोवा) के क्षेत्रीय संयोजक और भारत तिब्बत मैत्री सोसायटी, नागपुर के सदस्य हैं। श्री मेश्राम लंबे समय से तिब्बती मुद्दे से जुड़े रहे हैं और उन्होंने तिब्बत की स्थितियों पर भारतीय लोगों के बीच समर्थन और जागरूकता बढ़ाने के लिए कई अभियानों और गतिविधियाँ का संचालन किया है।