जागरण संवाददाता, 13 सितंबर, 2012
देहरादून: धर्म गुरु व तिब्बती समुदाय के 14वें लामा दलाई लामा लंबे आमंत्रण के बाद देहरादून पहुंचे। यहां क्लेमेनटाउन स्थित तिब्बतन कालोनी में तिब्बती समुदाय ने गाजे-बाजों के साथ उनका स्वागत किया। उनके आगमन पर तमाम धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। दलाई लामा बुद्धा टेंपल में आराधना के बाद विश्राम को चले गए। मंगलवार को वह सहस्रधारा रोड स्थित तिब्बतन कालोनी में विकिदिकिलिंग वेलफेयर कार्यालय में प्रवचन करेंगे।
सोमवार शाम को उत्तराखंड सरकार के वाहन से बुद्धा टेंपल पहुंचे दलाई लामा का तिब्बती समुदाय ने फूलों से स्वागत किया। मुख्यद्वार से ही उनके स्वागत में लोग कतारबद्ध खड़े थे। सड़क पर जगह-जगह भायशाली चिह्न बनाए गए थे। बुद्ध मंदिर में प्रवेश करते ही मंक्स (बाल ब्रह्मचारी बौद्ध भिक्षुओं) ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों ज्ञलिंग व छेम-छेम की धुन पर टशि-शो (पारंपरिक नृत्य) से स्वागत किया।
इसके बाध तिब्बतन नेहरू मेमोरियल फाउंडेशन स्कूल की छात्राओं ने उनकी आरती उतारी और अनुयायियों ने आशीर्वाद ग्रहण किया। शांति के लिए नोबेल पुरस्कार पा चुके दलाई लामा ने भी बेहद सौम्यता से अपना आशीष दिया और बच्चों पर स्नेह बरसाया।
तिब्बतन समुदाय उत्तराखंड की प्रवक्ता सोनम कश्यप ने बताया कि मंगलवार को दलाई लामा सहस्रधारा रोड की तिब्बतन कालोनी में कार्यक्रम पर रहेंगे, जबकि बुधवार को वह क्लेमेनटाउन की तिब्बतन कालोनी में टशियिहल मोनस्ट्री में प्रवचन करेंगे। उन्होंने बताया कि तिब्बतन समुदाय करीब एक दशक से धर्म गुरु दलाई लामा को दून आमंत्रित कर रहा था, यह मुराद अब जाकर पूरी हुई।