दैनिक आज, ७ जुलाई २०१३
“तिब्बत की आजादी और भारत की सुरक्षा” को लेकर गोष्ठी
हजारीबाग 6 जुलार्इ: भारत तिब्बत मैत्री संघ हजारीबाग इकार्इ के द्वारा सत्य, अहिंसा एवं भगवान बुद्ध के पुजारी परम पावन दलार्इ लामा जी का 78वें जन्मदिन स्थानीय जैन भवन, बड़ा बाजार के परिसर में मनायी गर्इ। इस कार्यक्रम का उदघाटन उपविकास आयुक्त रविन्द्र कुमार सिंह, वन प्रमंडल पदाधिकारी अजीत कुमार सिंह एवं पूर्व सांसद महावीर लाल विश्वकर्मा ने दीप प्रज्जवलित करके किया। अतिथियों का स्वागत भारत-तिब्बत मैत्री संघ के अध्यक्ष सुदेश कुमार चन्द्रवंशी ने किया।
कार्यक्रम के दौरान तिब्बत की आजादी और भारत की सुरक्षा के विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन भी किया गया। इस गोष्ठी में भाग लेते हुए उपविकास आयुक्त ने कहा कि वर्तमान समय में कोर्इ भी देश या मुल्क अपनी गुलामी को बर्दाश्त नहीं कर सकता। तिब्बत की धर्म गुरू दलार्इ लामाजी के आजादी के इस कार्य में हर तरह का सहयोग करने की जरूरत है, ताकि चीन सरकार भी तिब्बतियों को उनके अधिकार को देते हुए स्वायत्ता प्रदान कर सके।
वन प्रमंडल पदाधिकारी ने बताया कि शांति के पुजारी दलार्इ लामा की इस शांतिपूर्वक आजादी के लड़ार्इ में हमसब मिलकर पुरा सहयोग करें। पूर्व सांसद महावीर लाल विश्वकर्मा ने कहा कि 1950 में तिब्बत पर चीन के कब्जे से पहले पूरी तरह तिब्बत एक स्वतंत्र देश था। भारत और चीन के बीच सुरक्षा क्षेत्र जैसा था। कभी-भी भारत और चीन की सीमा को छुती नहीं थी, परन्तु आज तिब्बत को गुलाम बनाकर चीन भारत के सीमा में घुस कर मेजर जेनरल को उकसाने की बात कर रही है।
भारत और विश्व के देशों को मिलकर इस पर विचार करने का समय आ चुका है। इस गोष्ठी में प्रो.अमिताभ सामंतो, डा. अरविंद, प्रो सुरेन्द्र सिन्हा, हरिश श्रीवास्तव, रामनरेश गोप, गंगाधर दुबे, ज्ञानचन्द मेहता, गायत्री राणा, विकास वर्मा, विजय कुमार वर्मा, अशोक चौरसिया, सतीश कुमार सिंह सहित कर्इ लोगों ने अपना विचार रखा। अंत में धन्यवाद ज्ञापन डा. बीके सिंह ने किया।