नवभारत टाइम्स
धर्मशाला।। तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने शुक्रवार को कहा कि चीनी नेतृत्व को 60 वर्ष पुरानी अपनी तिब्बत नीति पर फिर से विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा, ”ताकत का प्रयोग हानिकारक है और इससे शांति और स्थिरता नहीं आएगी”।
दलाई लामा ने जापान के सेंदाइ शहर में कहा, ”तिब्बत में आत्मदाह की घटनाएं अत्यंत दुखदाई हैं। बीजिंग के नेतृत्व को इन दुखद घटनाओं के कारणों की खोज करनी चाहिए। ये तिब्बती हताशा वाली परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं, अन्यथा कोई भी इस तरह का खतरनाक कदम नहीं उठाएगा।”
केंद्रीय तिब्बत प्रशासन (सीटीए) की वेबसाइट पर आध्यात्मिक गुरु के हवाले से बताया गया, ”गुआंगदांग में पार्टी के वरिष्ठ नेता ने 2009 में कहा था कि केंद्रीय प्राधिकरण को अल्पसंख्यकों से सम्बंधित नीतियों पर पुनर्विचार करना चाहिए। यह दृष्टिकोण सही, वैज्ञानिक और व्यावहारिक है। 60 सालों से चली आ रही तिब्बती नीति पर विचार करने का समय आ गया है।”
सीटीए ने कहा कि तिब्बती चीन की नीतियों के विरोध में और तिब्बत की स्वतंत्रता की मांग के कारण खुद को आग के हवाले कर रहे हैं। वेबसाइट के मुताबिक अब तक 11 तिब्बतियों ने खुद को आग के हवाले कर दिया है।