दैनिक भास्कर: May 26, 2011
धर्मशाला। धर्मगुरु दलाईलामा ने निर्वासित तिब्बतियों के दूसरे महाधिवेशन में भाग ले रहे प्रतिनिधियों की उस मांग को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें दलाईलामा से सेरिमोनियल हेड बने रहने का आग्रह किया गया था। दलाईलामा ने प्रतिनिधियों से कहा कि उनका निर्णय अटल है। उन्होंने 10 मार्च 2011 को ही अपनी राजनीतिक और प्रशासनिक शक्तियां चुने हुए प्रतिनिधियों को हस्तांतरित करने का ऐलान कर दिया था। ऐसे में अब वह सेरिमोनियल हेड बने रहने के आग्रह को स्वीकार नहीं कर सकते।
दूसरे महाधिवेशन में प्रतिनिधियों ने जो चर्चा की है, उसकी रिपोर्ट उन्हें सौंपी गई है, जिसका उन्होंने अध्ययन किया है। महाधिवेशन में भाग लेने विश्व भर के 20 देशों से आए 400 से अधिक प्रतिनिधियों ने बुधवार को दलाईलामा से भेंट की। तिब्बत निर्वासित संसद के अध्यक्ष पेम्पा छेरिंग ने कहा कि दलाईलामा की ओर से सेरिमोनियल हेड के प्रस्ताव को खारिज करने के बाद तिब्बती चार्टर के आर्टिकल 19 में जो राजनीतिक शक्तियां दलाईलामा के निहित थी। उन्हें अब लोकतंत्र के तीन स्तंभों में विभक्त कर दिया जाएगा। बुधवार को प्रतिनिधियों ने दलाईलामा ने अंतिम रिपोर्ट दलाईलामा को सौंपी।