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धर्मशाला स्वर्गीय तुलकु तेनजिन डेलेक रिनपोछे के सहयोगी ताशी फुंटसोक नाम के एक तिब्बती भिक्षु का लंबी बीमारी के बाद पिछले सप्ताह की शुरुआत में निधन हो गया। इंटरनेशनल कंपेन फॉर तिब्बत के अनुसार, वेन ताशी फुंटसोक ने 16 मार्च 2020 को अंतिम सांस ली। ताशी फुंटसोक के सहयोगियों ने कथित तौर पर आईसीटी को बताया कि जुलाई 2003 में याकरा फुक जेल से रिहा होने के बाद से उनका स्वास्थ्य काफी खराब था।
भिक्षु ताशी फुंटसोक को चीनी अधिकारियों ने 2002 में तुलकु तेनजिन डेलेक रिनपोछे के साथ सजा सुनाई थी और जुलाई 2003 में उनके बिगड़ते स्वास्थ्य के कारण उन्हें रिहा कर दिया गया था।
अप्रैल 2002 में भिक्षु ताशी फुंटसोक को पूर्वी तिब्बत में न्याचूखा (चीनीरू याजियांग) में जमैयांग चोइखोरलिंग मठ से हिरासत में लिया गया था। उन्हें तुलकु तेनजिन डेलेक रिनपोछे के साथ शृंखलाबद्ध बम विस्फोटों की एक साजिश में शामिल होने के फर्जी आरोपों में दोषी ठहराया गया। इसके बाद बड़ी ही निर्लज्ज सुनवाई के बाद नवंबर 2002 में कारज पीपुल्स इंटरमीडिएट कोर्ट ने भिक्षु ताशी फुंटसोक को तेनजिन डेलेक रिनपोछे के साथ मिलीभगत के आरोपों में सात साल की कैद की सजा सुना दी। जबकि बाद में एक प्रमुख तिब्बती लामा और कारज के एक समुदाय के नेता को दिसंबर 2002 में ष्विस्फोट करनेष् और ष्अलगाव के लिए उकसानेष् के आरोप में निलंबित मौत की सजा दी गई थी।
गिरफ्तारी के समय भिक्षु ताशी फुंटसोक कथित रूप से तपेदिक से पीड़ित थे। जेल में उचित चिकित्सा देखभाल और इलाज की कमी के कारण सात साल की कैद की सजा काटते समय उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया। बाद में जुलाई 2003 में उन्हें समय से पहले चीन के सिचुआन प्रांत में शामिल डकारडेनो (चीनीरू कांगडिन) के पास याकरा फुक जेल से रिहा कर दिया गया। उनकी बिगड़ती सेहत के कारण चीनी अधिकारियों को डर था कि जेल में उसके निगरानी में रहने के दौरान भिक्षु की मौत हो सकती है।
भिक्षु ताशी फुंटसोक के बारे में इसके सिवाय कोई और जानकारी नहीं है कि पिछले सप्ताह इलाज के लिए अस्पताल ले जाते समय उनका निधन हो गया।