वाशिंगटन , प्रेट्र । अमेरिका की यात्रा पर आए चीन के राष्ट्रपति हू जिंताओ ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि वह तिब्बत से दूर रहे , वरना दोनों देशों के संबंध खराब होंगे । जबकि एक दिन पहले ही अमेरिका राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस मामले पर चीन को दलाई लामा से बात करने की सलाह दी थी ।
जिंताओ की चार दिवसीय यात्रा पर आर्थिक समझौतों के अलावा अमेरिका का सारा जोर चीन में मानवाधिकारों की स्थिति सुधारने और तिब्बत मसले को हल करने पर है । जिंताओ पिछले 13 साल में अमेरिका आने वाले पहले चीनी राष्ट्रपति है । उनका कहना है ताइवान और तिब्बत संबंधी मुद्दे चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से जुडे है । इससे 1.3 अरब चीनवासियों की भावनाएं जुडी है।
अमेरिकी सांसदों ने भी बनाया दबाव । अमेरिका सांसदो ने भी शुक्रवार को हूं जिंताओ के समक्ष मानवाधिकार उल्लंघन और तिब्बत का मुददा उठाया । इस दौरान सांसदों ने चीन में होने वाले जबरन गर्भपात और उत्तर कोरिया , ईरान के साथ उसके संबंधों का भी जिक्र किया । डेमोक्रेटिक नेता नैंसी पेलोसी ने हूं से मुलाकात के बाद कहा , मुझे जेल में बंद चीनी मानवाधिकार कार्यक्रर्ता ली ओ शाओ बो को शांति नोबल पुरस्कार ग्रहण करने नार्वे जाने की अनुमति ने देने व उनकी पत्नी को नजरबंद रखने का कारण पूछने का अवसर मिला।
जिंताओ ने मानी सुधार की जरुरत । जिंताओ ने स्वीकार है कि उनके देश में मानवाधिकारों की स्थिति में सुधार लाने की जरुरत है । हू ने कहा, हमारे यहां मानवाधिकारों में सुधार लाने के लिए हम लगातार प्रयासरत है । हम देश में लोकतंत्र को बढावा देने के साथ ही कानून की स्थिति को भी सुधार रहे है।
तिब्बत से दूर रहे अमेरिका
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