खास खबर: 10 June, 2011
नई दिल्ली/बीजिंग। तिब्बत के एक मठ से करीब 300 भिक्षु पिछले तीन माह से गायब हैं। संयुक्त राष्ट्र ने चीन द्वारा उन्हें गैर-कानूनी तरीके से अपनी हिरासत में रखने का आरोप लगाया है। जबकि चीन ने संयुक्त राष्ट्र के इन दावों का खंडन किया है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हॉंग लाई ने कहा है कि कीर्ति मठ में कोई भी इस तरह से गायब नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि स्थानीय अधिकारी कुछ भिक्षुओं को कानूनी बढ़ाई के लिए ले गए थे।
दूसरी ओर मानवाधिकार संगठनों ने दावा किया है कि बौद्ध मठ तभी से बंद कर दिया गया है, जब मार्च में एक भिक्षु ने खुद को आग लगा ली थी। इस घटना के बाद सुरक्षाबलों और भिक्षुओं के बीच कई हफ्तों तक टकराव की स्थिति रही थी। प्रत्यक्षदर्शी और कार्यकर्ताओं का कहना है कि सैक़डों भिक्षुओं को गैर कानूनी तरीके से पक़डकर रखा गया है।
गौरतलब है कि बुधवार को संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने चीन से पूछा था कि ये भिक्षु कहां हैं। संयुक्त राष्ट्र के एक बयान के मुताबिक, हम यह आ±वान करते हैं कि इस तरह जबरदस्ती गायब करने की बात की पूरी जांच कराई जाए। एक पत्रकार वार्ता में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि मठ में ऎसा कुछ भी नहीं हो रहा। उनका कहना था, कीर्ति मठ में धार्मिक नियम कायदे बनाए रखने के लिए स्थानीय अधिकारी भिक्षुओं को कानूनी जानकारी दे रहे हैं। जबरदस्ती गायब करने का तो सवाल ही नहीं हैं। कुछ संगठनों को पूर्वाग्रह छो़डकर निष्पक्ष होना चाहिए। संगठनों का दावा है कि अर्धसैनिक बलों ने अप्रैल में अबा में मठ पर छापा मार 300 से ज्यादा भिक्षुओं को हिरासत में ले लिया था।
पर्यवेक्षकों का कहना है कि अबा इलाके में तब से ही तनाव का माहौल रहा है जब तिब्बती समुदाय ने पश्चिमी चीन में तीन साल पहले प्रदर्शन किए थे।