दैनिक भास्कर, 16 मई 2013
केंद्रीय तिब्बतियन विद्यालय छोटा शिमला में बुधवार को सीनियर छात्रों द्वारा प्रदर्शनी और ड्रामा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि तिब्बती कालोनी के वेलफेयर अधिकारी तासी शीरिंग ने शिरकत की। स्कूल की प्रिसिंपल अरुणिमा सुरेश ने उनका स्वागत किया।
इस अवसर पर थीम ‘तिब्बत मेरा देश’ प्रदर्शनी को छात्रों ने लगाया। जिसमें छात्रों ने तिब्बत की भूगौलिक , राजनीतिक, ज्योग्राफी और फिजिकल परिस्थिति को दर्शाया। इसके साथ ही उन्होंने वहां के राजा महाराजा के बारे में वहां किस तरह से चलता है उसके बारे में भी बताया। छात्रों ने तिब्बत के पेड़ पौधे, जीव जंतु आदि को ड्रांइग पेपर पर रंग व डिजाइनों में आकर्षण ढंग से बनाया था। वहां के मठ में जो समान रखा गया है जिसमें डमरू, सिंबल, पूजा पाठ की किताब अन्य वस्तुएं भी इस प्रदर्शनी का मुख्य आकषर्ण का केंद्र रही। इस मौके पर 14 दलाईलामा की पूरी डिटेल को भी इस प्रदर्शनी में रखा गया था और जब 1959 में शरणार्थी बनकर वहां से यहां आए उस जन जीवन को भी दर्शाया गया है। इसके साथ ही तिब्बत सरकार धर्मशाला में चल रही है उसकी जानकारी भी प्रदर्शनी में दर्शायी गई थी। कितनी एनजीओ है और एनजीओ क्या क्या काम करती है। इसके अलावा तिब्बत की पूरी ड्रैस, तिब्बत के पूरे कल्चर झलक भी इस प्रदर्शनी में अभिभावकों को देखने को मिली। इसके साथ ही पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन भी दी गई। जिसमें सोनम, रापकिल, गर्व, पालमो, करमा सहित अन्य छात्रों ने भाग लिया।
इसके साथ छात्रों ने ड्रामा भी किया जिसमें छात्रों ने तिब्बत के जनजीवन के बारे में मंचन किया। जिसमें उन्होंने अपने देश की यादों और स्मृतियों के बारे में बताया। इसके साथ ही उन्होंने अपने देश की स्वतंत्रता के लिए बलिदान और संघर्ष के बारे में भी बताया। इस अवसर पर बच्चों के अभिभावकों ने इसमें बढ़चढ़ कर भाग लिया। इस मौके पर स्कूल की प्रधानाचार्य अरुणिमा सुरेश सहित अन्य अध्यापकों में फून्सौक शीरिंग, नामसे, तामदींग अन्य अध्यापक मौजूद थे।