प्रेस नोट, 21 दिसंबर 2013
मैकलोडगंज । तिब्बत में चीन की दमनकारी नीतियों से त्रस्त तिब्बती बौद्ध लामा ने आत्मदाह कर लिया। तिब्बत मसले पर संघर्ष कर रहे तिब्बतियन एक्टिविस्ट तेंजिन छुंडू ने बताया कि तिब्बत के उत्तर पूर्वी भू-भाग के आचोक बौद्ध मठ के पास लामा छुल्ट्रिम ग्यॉत्सो (44) ने आत्मदाह किया। दलाईलामा की वापसी और तिब्बत की आजादी को लेकर वहां अब तक सौ से भी ज्यादा आत्मदाह हो चुके हैं।
बौद्ध लामा की मौके पर ही मौत हो गई है। बौद्ध गुरु छुल्ट्रिम ग्यॉत्सो के मृत शरीर को आचोक बौद्ध मठ में लाया गया। जहां मठ के अंदर 400 लामाओं का समूह पूजा पाठ में व्यस्त था।
तिब्बतियों के हक के लिए संघर्ष कर रहे बौद्ध लामा ने आत्मदाह करने से पूर्व लिखित तौर पर अपनी भावनाओं को व्यक्त किया था। उन्होंने लिखा है कि तिब्बत के लोग चीन की गलत नीतियों का दंश सहन कर रहे हैं। यह भी बयां किया है कि उनके द्वारा आत्मदाह करने के पीछे धर्मगुरु दलाईलामा की तिब्बत में वापसी, पंचेन लामा की रिहाई और तिब्बत में रह रहे तिब्बतियों की खुशी ही उसका मकसद था। उन्होंने बताया कि केंद्रीय तिब्बती प्रशासन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तिब्बत में लगातार हो रही आत्मदाह की घटनाओं को रोकने और चीन पर दबाव डालने के लिए संयुक्त राष्ट्र से अपील करेगा।