आज समाज, 6 अगस्त, 2013
धर्मशाला। यहां दलार्इलामा इंस्टीटूयूट आफ हायर स्टडीज में अब तिब्बत के युवा बीए (B.A.), बीकॉम (B.Com)और बीसीए (BSC) की पढ़ार्इ कर पाएंगे। उसे मैसूर विश्वविधालय से मान्यता मिल गर्इ है। छात्र तीन साल के कोर्स के दौरान तिब्बतियन लिट्रेचर स्टडीज या चीनी भाषा में से एक विषय भी पढ़ सकेंगे। इसके अलावा बीए आनर्ज (B.A. Honors) की सुविधा भी मिल जाएगी।
मैसूर विश्वविध्यालय के कुलपति के रंगुपा ने यहां नए कोर्स शुरू किए जाने पर खुशी जताते हुए कहा कि तिब्बती छात्र यह बात मन में न रखें कि वे विदेशी हैं। विश्वविध्यालय तिब्बती समुदाय को भरपूर सहयोग देगी। कंप्यूटर के प्रोफेसर पी. नाग भूषण ने कहा कि मैसूर विश्वविध्यालय तिब्बतियन स्टडीज में मास्टर और पीएचडी की डिग्री की सुविधा भी देगी।
उधर, दलार्इ लामा इंस्टीटयूट आफ हायर स्टडीज के प्रिंसिपल डा. बी छेरिंग ने कहा कि अब तिब्बत के अपनी यूनिवर्सिटी खोलने का रास्ता साफ हो गया है। बोर्ड आफ स्टडीज की एक बैठक 12 और 13 जुलार्इ को दिल्ली में रखी गर्इ है। इसमें कर्इ मुददों पर चर्चा होगी।