दैनिक जागरण, 30 अक्टूबर, 2012
वाशिंगटन। चीन में अमेरिका के राजदूत ने बीजिंग से तिब्बत पर अपनी नीतियों की पुनर्समीक्षा करने का आग्रह किया है। उन्होंने तिब्बतियों द्वारा किए जा रहे आत्मदाह के दौरान मठों का गुपचुप तरीके से दौरा करने की बात भी स्वीकारी।
राजदूत गैरी लॉके ने बीजिंग से अमेरिका के एक कार्यक्रम को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा, ‘पिछले महीने अबा क्षेत्र में मठों का दौरा किया था ताकि तिब्बती संस्कृति को करीब से जाना जा सके।’ अबा सिचुआन प्रांत का तिब्बती बहुल इलाका है जो बीजिंग के दमनकारी शासन के खिलाफ प्रदर्शनों का गढ़ रहा है। फरवरी, 2009 से सिचुआन और तिब्बत में करीब 60 तिब्बती और भिक्षुणियां आत्मदाह कर चुके हैं।
गैरी ने कहा, ‘हम चीन से अनुरोध करेंगे कि तिब्बती लोगों के प्रतिनिधियों के साथ सार्थक मुलाकात करे, ताकि कुछ नीतियों की समीक्षा की जा सके जिसके कारण हिंसा और आत्मदाह की घटनाएं हुई हैं।’ उधर चीन के विदेश मंत्रालय ने उनके इस आग्रह को ठुकराते हुए इसे अंदरुनी मामलों में विदेशी हस्तक्षेप बताया। उसने दोहराया कि आत्मदाह की घटनाओं के लिए तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा जिम्मेदार हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हांग ली ने कहा, ‘चीन के अंदरुनी मामलों में किसी देश या व्यक्ति के हस्तक्षेप का हम विरोध करते हैं।’