दैनिक जागरण, 12 मार्च 2013
चीन सरकार के विरूद्ध विरोध जुलूस
कालिम्पोंग, संसू : तिब्बत को चीन से मुक्त कराने एवं चीनी अत्याचार रोकने की मांग को लेकर स्थानीय तिब्बती नागरिकों ने मंगलवार को विरोध जुलूस निकाला। जुलूस शहर के विभिन्न मार्गो का भ्रमण करने के बाद डंबर चौक पहुंचकर सभा में परिवर्तित हो गया। स्थानीय तिब्बती नागरिकों ने अपनी समस्याओं से संबंधित पर्चा स्थानीय लोगों में वितरित करके चीनी सरकार के कब्जे से तिब्बत को मुक्त कराने की अपील की।
तिब्बत में अतिक्रमण करके काबिज चीनी सरकार की 34 वीं वर्षगांठ यहां रहने वाले तिब्बत के शरणार्थियों ने विरोध जुलूस निकाला। 54 साल पहले वर्ष1959 में तिब्बत पर चीन द्वारा अतिक्रमण कर सैनिकशासन लगाने के विरोध में मंगलवार को कालिम्पोंग में रहने वाले तिब्बती समुदाय के लोगों ने नारेबाजी करते हुए स्थानीय माने लाखा गुम्बा से जुलूस निकाला। रैली में शामिल बच्चे, छात्र-छात्राएं, महिला, बुजुर्गों ने तिब्बत एवं चीनी सरकार के विरूद्ध आक्रोश जताया। विरोध रैली शहर की परिक्रमा करते हुए डम्बर चौक पहुंचकर प्रार्थना सभा में परिवर्तित हो गयी। इस दौरान तिब्बत वासियों ने स्थानीय लोगों में चीन के कट्टरपंथी नीति के विरोध में पर्चा वितरण किया। जिसमें तिब्बत में 2009 से 28 फरवरी 2013 तक कुल 107 लोगों द्वारा आत्मदाह किए जाने की जानकारी दी गयी। 107 में 83 लोग शहीद हो गए जब कि शेष अन्य चीन के कब्जे में है। जिनकी स्थिति स्पष्ट नहीं है। इतना अत्याचार होने पर भी मानव अधिकार चुप है।