एक तिब्बती व्यक्ति को अधिकारियों के भ्रष्टाचार, अवैध खनन के बारे में ऑनलाइन शिकायत करने के बाद सामाजिक व्यवस्था में गड़बड़ी के आरोप में किन्हाई प्रांत से हिरासत में ले लिया गया। एक तिब्बती एडवोकेसी समूह ने जानकारी दी है कि दो दिन की सुनवाई के बाद शुक्रवार को संरक्षित वन्यजीवों के शिकार का दोषी पाया गया। उसे इस बारे में दोषी साबित होने के बाद सात साल की सजा दी गई।
लंदन स्थित फ्री तिब्बत ने एक बयान में कहा कि गोलोग (गुओलुओ) तिब्बत स्वायत्त प्रीफेक्चर के गाडे (तिब्बती-गान्डे) काउंटी में क्यांग्चे टाउनशिप निवासी अन्या सेंगद्रा का उनके समुदाय में उनके इस भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के कारण काफी सम्मान किया जाता है।
फ्री तिब्बत के अनुसार, तिब्बती कार्यकर्ताओं और पर्यावरण रक्षकों के उत्पीड़न के एक व्यापक पैटर्न के तौर पर गिरफ्तारी और सजा का इस्तेमाल किया जाता है। जो अब सैकड़ों गिरफ्तारियों के रूप में देखा जा सकता है।‘ चीनी पुलिस द्वारा कुल मिलाकर उनके साथ तथाकथित ‘आपराधिक गिरोह’ जैसा व्यवहार किया जाता है।
फ्री तिब्बत ने कहा कि भ्रष्टाचार को समाप्त करने और पर्यावरण की रक्षा के लिए सेंगद्रा के काम को अधिकारियों ने गंभीरता से लिया जाना चाहिए था, क्योंकि उनके काम ने समस्याओं पर प्रकाश डाला। लेकिन उनकी सुनने के बजाय (चीनी कम्युनिस्ट पार्टी) ने फैसला किया कि अन्या की आवाज को ही दबा दिया जाए।
फ्री तिब्बत ने कहा कि ट्रायल के बाद सेंगद्रा के वकील लिन क़िले ने एक ट्वीट में कहा कि उनके मुवक्किल ने अदालत के फैसले को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और अपनी सजा के खिलाफ अपील करेंगे।
पहले भी जेल हुई
सूत्रों ने रेडियो फ्री एशिया को पहले भी बताया था कि 2014 में क्यांग्चे टाउनशिप के प्रमुख के रूप में चुने गए सेंगद्रा को बाद में सरकारी भ्रष्टाचार के बारे में सवाल उठाने पर 15 महीने के लिए जेल में बंद कर दिया गया था। सेंगद्रा अपने कार्यकाल के दौरान कठिन परिश्रम करनेवाले और सेवा देनेवाले के रूप में जाने जाते थे। इस कठोर परिश्रम के कारण उनका स्वास्थ्य भी काफी गिर गया था।
दिसंबर 2014 में अपनी गिरफ्तारी से पहले सेंगद्रा ने बस्ती में परियोजनाओं के लिए सौंपे गए धन के दुरुपयोग के बारे में स्थानीय अधिकारियों से सवाल किया था। एक सूत्र ने कहा, ‘उन्होंने सरकार द्वारा घोषित धन के दुरुपयोग के बारे में उनसे बहस की और वास्तव में खर्च किए गए धन का ब्योरा मांगा था।
सूत्र ने कहा, ‘इससे अधिकारी नाराज हो गए और सेंगद्रा को हिरासत में ले लिया गया। सूत्र ने कहा कि तिब्बती क्षेत्रों में विकास परियोजनाओं ने तिब्बतियों के साथ लगातार टकराव पैदा किया है। क्योंकि तिब्बती लोग चीनी फर्मों और स्थानीय अधिकारियों पर पैसे हड़पने, अनुचित तरीके से जमीन जब्त करने और स्थानीय लोगों के जीवन को अस्त व्यस्त करने का आरोप लगाते हैं।
इनमें से कई टकरावों का अंत हिंसात्मक दमन, विरोध करनेवालों की नजरबंदी और स्थानीय लोगों पर सरकार की इच्छाओं का पालन करने के लिए तीव्र दबाव डाले जाने के रूप में होता है।