उन्होंने समस्त तिब्बती भाईचारे से अनुरोध किया, कि वह लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित तिब्बत की निर्वासित ससंद की ओर से पारित प्रस्तावों का पवित्रता के साथ अनुपालन करें। उन्होंने चीनी नियंत्रण वाले तिब्बत में रह रहे तिब्बतियों के साथ भी एकजुटता दिखाई। कहा कि इस अवसर पर वह तिब्बत में रहने वाले भाई बहनों के प्रति अपने उत्तरदायित्व व वायदों को पूरा करने का फिर से आशवासन देते हैं। उन्होंने कहा कि स्पीकर होने के नाते वह सबसे अपील करते हैं कि अपनी समृद्ध संस्कृति व मूल्यों का सम्मान रखते हुये तिब्बत के संघर्ष की भावना को जारी रखें।
उन्होंने कहा कि तिब्बत की निर्वासित सरकार की 16वीं संसद के संसद सदस्यों व प्रधानमंत्री के चयन के लिये हाल ही में लोकतांत्रिक ढंग से मतदान संपन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि चुनावों के परिणामों की घोषणा जल्द ही अधिकारिक रूप से कर दी जायेगी। उन्होंने कहा कि सभी तिब्बतियों को इन चुनाव परिणामों का सम्मान करना चाहिये। चुनाव परिणामों के बाद लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित सरकार को हर प्रकार से सामूहिक सर्मथन दिया जाना चाहिये।
स्पीकर पेंपा सेरिंग ने अंत में तिब्बत की निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री लोबसंग सांगये व संसद के अन्य सदस्यों का सत्र के सफलतापूर्वक समापन किये जाने के लिये आभार व्यक्त किया। 21 मार्च को शुरू हुये 35वीं संसद का यह अंतिम सत्र रहा।