जयपुर ,12 फरवरी (एजेंसियां) । तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने कहा है कि वह शीघ्र ही अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त हो रहे है, लेकिन तिब्बत की भलाई के लिए जीवनपर्यंत काम करते रहेंगे । दलाई लामा आज यहां 21 वीं शताब्दी में नैतिक मूल्य विषयक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वह पिछले कुछ समय से अपनी जिम्मेदारिया छोड रहे है, लेकिन अब इससे शीघ्र पूरी तरह मुक्त हो रहे है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में वह इसे साबित भी कर देंगे । उन्होंने कहा कि मानवीय मूल्य धार्मिक सदभावना और तिब्बत की भलाई मेरे जीवन का मुख्य उददेश्य रहे है जिन्हें मै जीवनपर्यंत छोडूंगा नहीं। उन्होंने कहा कि मैं भारत का सपूत और धार्मिक सदभावना का संदेशवाहक हूं दलाई लामा ने तिब्बत की पूर्ण स्वायत्तता पर जोर देते हुए कहा कि चीन के चार अन्य प्रान्तों में भी तिब्बती निवास करते है जिन्हें भी तिब्बत में शामिल किया जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि हम तिब्बतियों की भाषा , संस्कृति औऱ पर्यावरण को सुरक्षित रखने का अधिकार चाहते है। वैज्ञानिक प्रगति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इससे मानव जीवन आसान बना है, लेकिन परमाणु शाक्ति जैसी विनाशकारी उपलब्धियों से लोगों के जीवन पर खतरा मंडरा रहा है । नैतिक मूल्यों की चर्चा करते हुए दलाई लामा ने कहा कि व्यक्ति को स्वयं ही मूल्य आधारित जीवन जीना चाहिए । इससे समाज भी नैतिकता का पक्षधर बनेगा। नैतिकता रखने वाले व्यक्ति को कोई भ्रष्ट नहीं बना सकता । उन्होंने कहा कि समाज में सभी लोग भ्रष्ट नहीं है और अच्छे लोगों से ही देश और समाज चल रहा है।
तिब्बत की भलाई के लिए जीवन समर्पित । दलाई लामा
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