abpnews report, 5 फ़रवरी 2014
शिलांग: तिब्बत की निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री लोपसांग सांगए ने आज अरूणाचल प्रदेश के हिस्सों पर चीन के दावे को खारिज करते हुए कहा कि ब्रिटिश भारत और तत्कालीन तिब्बती सरकार ने 1914 में मैकमोहन रेखा का निर्धारण किया था.
तिब्बती राजनेता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैकमोहन सीमा रेखा तिब्बती सरकार और ब्रिटिश भारत द्वारा हस्ताक्षर किए गए समझौते के अनुसार निर्धारित की गयी थी. 1940 में हुए इसी तरह के एक और समझौते से तिब्बत और भारत के बीच की सीमा स्पष्ट रूप से परिभाषित एवं निर्धारित होती है.’’ सांगए ने कहा कि चीन सरकार कहती है कि कुछ इलाकों में स्पष्ट सीमा निर्धारित ना होने की वजह से घुसपैठ होती है.
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक हमारा सवाल है, जब तिब्बत आजाद था तब इस तरह को कोई विवाद नहीं था. भारत से कोई भी तिब्बत जा सकता था और वीजा की जरूरत नहीं होती थी. कोई भी प्रतिबंध लागू नहीं थे.’’ तिब्बती नेता करीब 50 साल पहले चीन से भारत आने के बाद से पहली बार मेघालय की यात्रा पर दलाई लामा के साथ आए हैं. उन्हें 2011 में प्रधानमंत्री निर्वाचित किया गया था.