दैनिक ट्रिब्यून, 10 दिसम्बर 2014
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि तिब्बती समुदाय के लोग हमारे लिए विदेशी नहीं हैं बल्कि वे हिमाचल के लोगों के परिवार का हिस्सा हैं । मुख्यमंत्री आज धर्मशाला के मेकलोडग़ंज में दलाईलामा के मुख्य मन्दिर में हिमालय अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव-2014 के शुभारंभ समारोह के अवसर पर संबोधित कर रहे थे।
वीरभद्र सिंह ने विश्व में शांति और सद्भाव का सन्देश फैलाने की दिशा में दलाईलामा के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि महात्मा गान्धी की तरह दलाईलामा भी अंहिसा के सच्चे प्रचारक हैं और अपना सारा जीवन तिब्बत के स्वतंत्रता संघर्ष के लिए समर्पित किया है।
मुख्यमंत्री ने तिब्बत में आस्था केन्द्रों व गोम्पाओं पर कड़ी पाबन्दियां लगाए जाने पर दु:ख प्रकट करते हुए कहा कि हम सब प्रार्थना करते हैं कि तिब्बत को आजाद करवाने के प्रयास में दलाईलामा सफल होंगे जिनके पीछे हजारों समर्थकों की ताकत है।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि महामहिम दलाईलामा के साथ उनके मैत्रीपूर्ण पारिवारिक संबंध रहे हैं और उन्हें इस बात पर गौरव है कि दलाईलामा ने हिमाचल को अपना दूसरा घर चुना। उन्होंने कहा कि न केवल प्रदेश बल्कि विश्व भर के लोग तिब्बत को आजाद देखना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि इस उत्सव का आयोजन ऐसे अवसर पर हुआ है जब महामहिम दलाईलामा को शांति के लिए प्रदान किए गए नोबल पुरस्कार की 25वीं वर्षगांठ भी मनाई जा रही है। पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष विजय सिंह मनकोटिया ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार मैकलोडग़ंज, जिसे मिनी ल्हासा के नाम से भी जाना जाता है, में बड़े पैमाने पर पर्यटन को विकसित करने के लिए प्रतिबद्घ है।
निर्वासित तिब्बती सरकार के प्रधानमंत्री डा़ लोबसंग सांगये ने कहा कि इस शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री की उपस्थिति से तिब्बत सरकार को सही मायने में सम्मान मिला है।