धर्मशाला। निर्वासित तिब्बती संसद के सदस्यों- यूडन औकात्सांग, गेशे मोनलम थारचिन और ताशी धोंडुप के संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने सिक्किम के राज्यपाल श्री लक्ष्मण प्रसाद आचार्य से शिष्टाचार भेंट करके सिक्किम में तिब्बत के पक्ष में अभियान शुरू की।तिब्बती सांसदों के २६ अगस्त को सिक्किम की राजधानी गंगटोक पहुंचने पर एलटीए अध्यक्ष जिनपा फुंटसोक, टीएसओ लखपा छेरिंग और तिब्बती संघों और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने राज भवन में सिक्किम के राज्यपाल श्री लक्ष्मण प्रसाद आचार्य से शिष्टाचार भेंट की।
सांसदों ने राज्यपाल से तिब्बत में रहने वाले और सिक्किम में रहने वाले तिब्बतियों के लिए समर्थन की अपील की। उन्होंने निर्वासित तिब्बती संसद (टीपीआईई) की ओर से स्मृति चिन्ह और दस्तावेज भेंट किए। राज्यपाल ने कहा कि वह चीन-तिब्बत संघर्ष के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं, क्योंकि उन्हें एक दशक पहले पूर्व कालोन ट्रिपा प्रोफेसर समदोंग रिनपोछे को सुनने का अवसर मिला था और उन्होंने वाराणसी में केंद्रीय उच्च तिब्बती अध्ययन संस्थान का भी दौरा किया है जो उनके पैतृक स्थान के करीब ही है।
राज्यपाल ने यह भी कहा कि भारत की केंद्र और राज्य सरकारों ने पिछले ६० वर्षों से अधिक समय से निर्वासन में रह रहे तिब्बतियों को आवश्यक सहायता प्रदान की है और उनके प्रति अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से निभाई है।भारत तिब्बतियों के समर्थन में आगे भी आवश्यक कार्य करना जारी रखेगा। तिब्बत की विशिष्ट संस्कृति और धर्म के संरक्षण के बारे में राज्यपाल ने तिब्बती सांसदों को तिब्बत पर पुस्तकों और संसाधनों के संरक्षण के कार्यक्रमों और सिक्किम सरकार के नामग्याल इंस्टीट्यूट ऑफ तिब्बतोलॉजी (एनआईटी) में सोवा रिग्पा के अध्ययन के बारे में बताया।
तिब्बत के प्रति अपनी चिंता और समर्थन व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने आगे कहा कि वह सिक्किम में परम पावन दलाई लामा का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा कि वह निकट भविष्य में धर्मशाला का दौरा करने की उम्मीद कर रहे हैं।
तिब्बती प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को धर्मशाला में निर्वासित तिब्बती संसद का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया। निर्वासित तिब्बती संसद की ओर से उन्होंने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-३ की सफल लैंडिंग के लिए भारत को हार्दिक बधाई दी।परमपावन दलाई लामा और टीपीआईई के अध्यक्ष भारत की उल्लेखनीय सफलता पर भारतीय प्रधानमंत्री को पहले ही बधाई दे चुके हैं।
यात्रा के दौरान तिब्बती सांसदों के साथ गंगटोक टीएसओ लखपा छेरिंग भी थे और यात्रा के बाद सांसदों को श्री ताशी द्वारा‘तिब्बत‘ का अवलोकन कराया गया। यह ‘तिब्बत’ सिक्किम राजभवन में एक कमरा है, जो राज्य की यात्रा के दौरान परम पावन दलाई लामा के लिए आरक्षित है। श्री ताशी तिब्बती मूल के कर्मचारी है और राजभवन में कार्यरत हैं।